हिमाचल में दो उपचुनावों के लिए तैयारियां शुरू, हरियाणा से पहुंचीं तीन हजार ईवीएम मशीनें

मंडी — हिमाचल में होने जा रहे दो उपचुनावों को लेकर चुनाव आयोग ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसके लिए हरियाणा से तीन हजार ईवीएम मशीनें हिमाचल पहुंचा दी गई हैं और उनकी चैकिंग का कार्य शुरू कर दिया गया है। यह तीन हजार ईवीएम मशीनें मंडी, कुल्लू, लाहुल स्पीति, किन्नौर, शिमला और चंबा जिला मुख्यालयों पर पहुंचा दी गई हैं। यहां पर जिला के मुख्य निर्वाचन अधिकारी इनका निरीक्षण कर रहे हैं, जिसके बाद इन्हें आगामी उपमंडल स्तरीय स्ट्रांग रूमों को भेजा जाएगा।

हरियाणा से लाई गई ईवीएम मशीनों की बैटरियां चैक की जा रही हैं और उनकी संचालन क्षमता का परीक्षण किया जा रहा है। यदि किसी ईवीएम में कोई खराबी होगी तो उसे पहले ही दुरूस्त कर दिया जाएगा। वहीं, चुनाव आयोग ने प्रदेश के विभागाध्यक्षों को पत्र लिखकर कर्मचारियों की डिटेल भी मांग ली है जिनकी ड्यूटियां चुनावों में लगाई जाएंगी।

हिमाचल प्रदेश के मुख्य चुनाव आयुक्त सी. पालरासू से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने बताया कि मंडी संसदीय क्षेत्र और फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र की सीट खाली होते ही इन तैयारियों को शुरू कर दिया गया था। हरियाणा से तीन हजार ईवीएम मशीनें मतदान करवाने के लिए यहां पहुंच चुकी हैं। चुनाव कब करवाना है इसका फैसला भारतीय चुनाव आयोग द्वारा ही लिया जाता है। जैसे ही वहां से आदेश प्राप्त होंगे उसके बाद आगामी कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।

मंडी संसदीय क्षेत्र और फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र पर होना है उपचुनाव

हिमाचल प्रदेश में इस वक्त दो उपचुनाव होने हैं। यह दोनों ही उपचुनाव संबंधित क्षेत्रों के चुने हुए प्रतिनिधियों के निधन के कारण खाली हुई सीटों पर होने जा रहे हैं। कुछ समय पहले कांगड़ा जिला के तहत आने वाले फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक सुजान सिंह पठानिया का निधन हुआ था। उसके कुछ समय बाद मंडी संसदीय क्षेत्र के सांसद राम स्वरूप शर्मा का निधन हो गया। अब यहां से नए प्रतिनिधियों का चुनाव होना है।

छह महीनों से अधिक समय तक खाली नहीं रख सकते सीट

नियमों के अनुसार जब भी कोई संसदीय या विधानसभा क्षेत्र की सीट खाली होती है तो उसे छह महीनों से अधिक समय तक खाली नहीं रखा जा सकता। यदि आम चुनावों को छह महीने या इससे कम का समय हो तो फिर वहां पर आमचुनावों के साथ ही चुनाव करवाया जाता है। लेकिन हिमाचल प्रदेश में ऐसी परिस्थिति नहीं है। इसलिए इन दोनों स्थानों पर उपचुनाव जल्द ही होने जा रहा है।