रूसा का बजट खा गया ‘कोरोना’ 

सिटी रिपोर्टर-शिमला

हिमाचल में राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा के विकास की रफ्तार पूरी तरह से थम गई है। पिछले दो साल से मांग के बावजूद भी कालेजों को बजट जारी नहीं हो पाया है। रूसा का 112 करोड़ का बजट प्रदेश को जारी नहीं हो पाया है। इससे कई कालेजों में इन्फ्रास्ट्रक्चर के खरीद का कार्य भी बंद है। वहीं, कई जगहों पर कालेजों में निर्माण कार्यों मे भी बाधा उत्पन्न हो गई है। ऐसे में शिक्षा विभाग ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय से  इस वित्त वर्ष में रुके  हुए बजट को जारी करने को लेकर पत्र भेजा है। फिलहाल रूसा में शैक्षणिक व निर्माण कार्यों में जो विकास करना था, वो पूरी तरह से ठप हो गए। ऐसे में रूसा के तहत पढ़ रहे 70 हजार छात्रों की शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए इंतजार करना होगा। कोविड की वजह से अभी भी हिमाचल को रूसा वन व टू का बजट केंद्र से जारी नहीं हो रहा है। ताजा जानकारी के अनुसार 112 करोड़ का बजट रूसा के तहत अप्रूव होने के बाद भी हिमाचल को जारी नहीं हो पा रहा है। बता दे कि रूसा के तहत केंद्र सरकार से मिले 53.53 करोड़ का बजट लोक निर्माण विभाग को दिया गया है। इसमें से 50 प्रतिशत तक ही बजट खर्च हुआ है।

 हांलाकि सरकार ने लोक निर्माण विभाग को आदेश दिए है कि जो बजट सरकार की ओर से कालेजों को मिला है, उसे खर्च किया जाएं। इसके साथ ही शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने यह भी आदेश दिए है कि सभी जिला उपनिदेशक, कालेज प्रिंसीपल और पीडब्ल्यूडी के संबधित अधिकारियों से बैठक कर, समय-समय पर अपडेट लेते रहे। बता दें कि हिमाचल में रूसा वन व टू के तहत राज्य में 81 प्रोजेक्ट पर कार्य होना था, लेकिन उनमें से अभी तक केवल 24 प्रोजेक्ट पर ही कार्य पूरा हुआ है। वहीं, 57 प्रोजेक्ट अभी भी पूरे नहीं हो पाए है। हिमाचल में 2013 में रूसा सिस्टम लागू हो गया था। उसके बाद से अभी तक पूरी तरह से उच्च तर शिक्षा में सुधार को लेकर पूरी तरह से कार्य नहीं हो पाए है। केंद्र  ने रूसा वन के तहत प्रदेश के कालेजों का 36 करोड़ का बजट रोक दिया है। इसके साथ ही 76 करोड़ रूसा टू के तहत रोका गया है। अब  रूसा थ्री शुरू करने पर प्लानिंग शुरू हो गई है, लेकिन बजट के चलते अभी भी रूसा के तहत हिमाचल में सुधार की आवश्यकता है।