ऑक्सीजन की ज्यादा खपत पर जांच, निजी अस्पताल पर शक के आधार पर प्रशासन सख्त, 15 दिन में मांगी रिपोर्ट

चंडीगढ़, 12 मई(ब्यूरो)

चंडीगढ़ प्रशासन से ऑक्सीजन की ज्यादा खपत होने पर एक अस्पताल के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं। प्रशासन को शक है कि हॉस्पिटल मरीजों की आड़ में ऑक्सीजन की कालाबाजारी कर रहा है। इसके लिए शहर के पूर्व मेयर प्रदीप छाबड़ा ने भी जांच की मांग उठाई थी। शहर के इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित ईडन अस्पताल की ओर से जरूरत से ज्यादा मेडिकल ऑक्सीजन गैस की खेप ली जा रही थी, जबकि उसी तरह के अस्पताल में काफी कम संख्या में गैस के सिलेंडरों की मांग की जा रही थी। जांच कमेटी को अपनी रिपोर्ट 15 दिनों के अंदर देने को कहा गया है।

इंडस्ट्रियल एरिया स्थित ईडन हॉस्पिटल के खिलाफ शिकायत आने के बाद आईएएस यशपाल गर्ग ने पीसीएस जगजीत सिंह की अध्यक्षता में कमेटी गठित की है। कमेटी अस्पताल में 1 अप्रैल के बाद से हुई ऑक्सीजन की खपत को लेकर इन्क्वायरी करेगी। ईडन क्रिटिक्ल केयर अस्पताल में 350.400 सिलेंडर्स हर रोज लिए गएए जबकि इसके बराबर क्षमता के ही दूसरे अस्पताल में सिर्फ 90 सिलेंडर्स इस्तेमाल हुए। कमेटी में जीएमएसएच सेक्टर.16 से मेडिकल ऑफिसर डॉ मंजीत सिंह और जीएमसीएच सेक्टर.32 से डॉ मनप्रीत सिंह को भी शामिल किया गया है। नोडल अफसर ने कमेटी को निर्देश दिए हैं कि वे अगले 15 दिनों में अपनी इंक्वायरी रिपोर्ट उनको सब्मिट करें। इसको लेकर एडवाइजर ने भी सख्त कार्रवाई करने के लिए कहा है।

चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा ने ज्यादा ऑक्सीजन लेने वाले अस्पताल पर सही तरीके से जांच करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि एक तरफ जहां शहर में गैस की कमी है तो ऐसे में एक प्राइवेट अस्पताल को कैसे इतनी ज्यादा मात्रा में गैस की आपूर्ति की गई। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी लापरवाही अधिकारियों की मिली भगत के बगैर नहीं हो सकती। पूर्व मेयर प्रदीप छाबड़ा ने कहा कि कोरोना मरीजों के लिए ऑक्सीजन गैस की कमी के बीच प्रशासन की ओर से शहर के सभी प्राइवेट अस्पतालों को प्रतिदिन ऑक्सीजन का कोटा तय किया गया था। इसके बावजूद एक प्राइवेट अस्पताल को रोजाना 350 से 400 गैस सिलेंडरों की सप्लाई हो रही थी और अस्पताल पूरा गैस इस्तेमाल कर रहा था। उन्होंने कहा कि जबकि इसी तरह के अस्पताल में रोजाना करीब 90 सिलेंडरों से काम चल रहा था। उन्होंने कहा कि इस अस्पताल के खिलाफ अच्छी तरह से जांच की जाए और इसमें जो भी शामिल हो उसके खिलाफ बनती कार्रवाई की जाए।