हिंद महासागर में गिरा चीन के रॉकेट का मलबा, नासा ने बताया गैर-जिम्मेदार

नई दिल्ली
चीन के अनियंत्रित हुए राकेट लॉन्ग मार्च का मलबा रविवार को पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश कर गया और इसके मालदीव के पास हिंद महासागर में गिरने की खबर है। इसके बाद से अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अंतरिक्ष मलबे को लेकर जिम्मेदार मानकों को पूरा करने में विफल रहने के लिए चीनी प्रशासन को फटकार लगाई है। पूर्व सेनेटर और नासा के प्रशासक बिल नेल्सन ने कहा कि यह स्पष्ट है कि चीन अपने अंतरिक्ष मलबे के बारे में जिम्मेदार मानकों को पूरा करने में विफल हो रहा है। चीन के मैन्ड स्पेस इंजीनियरिंग कार्यालय ने बताया कि चीन के लॉन्ग मार्च 5बी राकेट के अवशेष बीजिंग के समयानुसार सुबह 10 बजकर 24 मिनट पर पृथ्वी के वायुमंडल में फिर से प्रवेश कर गए और वे 72.47 डिग्री पूर्वी देशांतर और 2.65 डिग्री उत्तरी अक्षांश में समुद्र के एक खुले क्षेत्र में गिरे।

ज्यादातर अवशेष पृथ्वी के वायुमंडल में पुन: प्रवेश के दौरान ही जल गए। चीन ने इस राकेट की मदद से अंतरिक्ष में बनाए जाने वाले अपने तियांगोंग स्पेस स्टेशन का पहला हिस्सा भेजा था। इस राकेट में 29 अप्रैल को दक्षिणी द्वीपीय प्रांत हैनान में विस्फोट हो गया था। इससे पहले पेंटागन ने मंगलवार को कहा था कि वह चीन के उस विशाल राकेट का पता लगा रहा है, जो नियंत्रण से बाहर हो गया और उसके इस सप्ताहांत तक पृथ्वी के वायुमंडल में फिर से प्रवेश करने की संभावना है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने इस हफ्ते मीडिया को बताया था कि राकेट के अवशेष जब पृथ्वी की वायुमंडल में प्रवेश करेंगे तो वे जल जाएंगे। चीन आगामी हफ्तों में अपने अंतरिक्ष केंद्र कार्यक्रम के लिए और राकेट भेज सकता है, क्योंकि उसका उद्देश्य अगले साल तक इस परियोजना को पूरा करने का है।