स्कूलों में मनमानी फीस पर लगेगी लगाम, प्रदेश सरकार ने तैयार किया विशेष बिल

प्रदेश सरकार ने तैयार किया विशेष बिल, 20 जून तक मांगे आपत्तियां-सुझाव

सिटी रिपोर्टर – शिमला

प्राइवेट स्कूलों की फीस मनमानी को लेकर राज्य सरकार ने बिल तैयार कर लिया है। इस पर 20 जून तक आपत्तियां और सुझाव मांगे गए हैं। इसके बाद बिल का फाइनल प्रारूप तैयार कर इसे लागू कर दिया जाएगा। इस बिल के अनुसार अगर कोई प्राइवेट स्कूल तय फीस से ज्यादा वसूलता है तो उस पर पांच लाख का जुर्माना लगाया जाएगा, जबकि मान्यता भी रद्द करने के साथ प्रबंधक को जेल भी होगी। इस बिल में जिला समिति का गठन कर कर दिया गया है। डीसी की अध्यक्षता में यह कमेटी बनाई जाएगी और बिना इस कमेटी की परमिशन के कोई भी स्कूल फीस न तो तय कर पाएंगे और न ही इसे मनमर्जी से बढ़ा पाएंगे। सरकार द्वारा बनाए गए इस नए बिल को सभी निदेशकों और उपनिदेशकों को भेज दिया गया है और सभी स्टेक होल्डर और आम जनता की इस पर 20 जून तक आपत्तियां और सुझाव मांगे गए हैं।

इसके बाद बिल का फाइनल प्रारूप भी तैयार किया जाएगा। राज्य सरकार ने इसके लिए हिमाचल प्रदेश प्राइवेट विद्यालय फीस और अन्य संबंधित मामलों का विनिमयन विधेयक-2021 तैयार कर लिया है। डे केयर, प्री-प्राइमरी, क्रैच से लेकर वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला की फीस का निर्धारण इसी कानून के अधीन आएगा। निजी स्कूलों की फीस तय करने के लिए संबंधित जिलों के उपायुक्तों की अध्यक्षता में कमेटी बनेगी। स्कूल में मूलभूत सुविधाओं के आधार पर फीस तय की जाएगी। स्कूल छह फीसदी से ज्यादा फीस नहीं बढ़ा सकेंगे। हर साल नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने से 60 दिन पहले फीस का पूरा ब्यौरा स्कूल की वेबसाइट और नोटिस बोर्ड पर दर्शाना होगा। इसमें यह भी बताना होगा कि जो फीस वह ले रहे हैं, वह किस किस मद की है। कमेटी का अध्यक्ष संबंधित जिला के डीसी होंगे। इसके अलावा उप शिक्षा निदेशक उच्चतर इसके सदस्य सचिव होंगे। जबकि प्रारंभिक शिक्षा विभाग के उप शिक्षा निदेशक सहित कुल छह सदस्य इस कमेटी में होंगे।

स्कूल का होगा एक ही खाता

फीस का ब्यौरा नया सत्र शुरू होने से 60 दिन पहले वेबसाइट पर प्रदर्शित करना होगा। फीस स्ट्रक्चर के साथ पूरे वर्ष करवाई जाने वाली खेल गतिविधियां, शैक्षणिक कैलेंडर, शिक्षकों के वेतन, और छात्रों की संख्या का पूरा ब्यौरा देना होगा। जो फीस तय की गई है, उससे ज्यादा फीस लेने की अनुमति नहीं होगी। स्कूल का एक ही बैंक खाता होगा। अभिभावक जो फीस जमा करेंगे, उसकी रसीद भी दी जाएगी।