चालान कटवाओ, एक हफ्ता मजे से जाओ, ऊना से पंजाब को रेत तस्करी कर रहे खनन माफिया का नया तरीका

स्टाफ रिपोर्टर-गगरेट

बड़े पैमाने पर पंजाब को रेत तस्करी कर रहे रेत माफिया पर कई सरकारी विभाग क्यों मेहरबान हैं, इस गुत्थी को सुलझाने का जितना प्रयास किया जा रहा है यह उतनी उलझती जा रही है। खनन माफिया का फन कुचलने के लिए पुलिस के आला अधिकारी पहले ही यह कहते हुए हाथ खड़े कर चुके हैं कि इसके लिए खनन विभाग है। बेशक प्रदेश सरकार ने खनन तस्करी रोकने के लिए पंजाब से सटी जिला की सीमाओं पर माइनिंग चैक पोस्ट भी स्थापित किए लेकिन ये भी सफेद हाथी साबित हुए। हालांकि पंजाब को जा रहे रेत से लदे ओवरलोडिड टिप्परों का चालान करने में परिवहन विभाग भी सक्षम है, लेकिन परिवहन विभाग के पड़ताल नाकों पर क्षमता से अधिक रेत ले जा रहे टिप्परों के ओवरलोडिंग के चालान करने की बजाय उनका स्टेट परमिट न होने का चालान किया जा रहा है।

यह चालान करवाने के बाद एक सप्ताह तक उस टिप्पर को पूछने वाला कोई नहीं है। हालांकि जिला की सीमाओं पर माइनिंग चैक पोस्ट इसलिए ही स्थापित की गई थीं कि पंजाब को तस्करी कर ले जाई जा रही खनन सामग्री पर रोक लग सके, लेकिन कुछ माइनिंग चैक पोस्ट वे-ब्रिज न होने का राग अलाप कर महज एम-फार्म देखकर अपने फर्ज से इतिश्री कर रहे हैं। यहां तक कि गगरेट-होशियारपुर मार्ग पर परिवहन विभाग का पड़ताल नाका भी है और यहां वे-ब्रिज भी है , लेकिन यहां पर भी महज रस्म अदायगी हो रही है। खनन माफिया को भी यह तरीका आसान लग रहा है और सप्ताह में एक बार चालान करवाकर आसानी से खनन सामग्री लेकर टिप्पर पंजाब पहुंच रहे हैं। उधर , परिवहन विभाग के एआरटीओ आरके कौशल का कहना है कि गगरेट नाके पर लगा वे-ब्रिज खराब है और इसे अगले 15 दिन में ठीक करवा लिया जाएगा। उसके बाद ऐसे टिप्परों के ओवरलोडिंग के भी चालान किए जाएंगे।