छात्रों की मदद करेगा हेल्पलाइन डेस्क, शिक्षा विभाग ने कालेज प्रबंधनों को जारी किए आदेश

प्रदेश शिक्षा विभाग ने कालेज प्रबंधनों को जारी किए आदेश, कहा, सुलझानी होंगी स्टूडेंट्स की दिक्कतें

सिटी रिपोर्टर — शिमला

कालेज के करीब 80 हजार छात्रों की मदद हेल्पलाइन डेस्क करेगा। इस बाबत शिक्षा विभाग ने सभी कालेज पिं्रसीपल को पत्र लिखा है। वहीं कहा है कि पिछले छह माह से बंद यूजी छात्रों की पढ़ाई को फिर से शुरू किया जाए। इसके लिए शिक्षकों की अध्यक्षता में हेल्पलाइन डेस्क का गठन होगा। साथ ही शिक्षा विभाग ने यह स्पष्ट किया है कि एक टास्क फोर्स कमेटी भी कालेज बना सकते हैं। यह कमेटी घर पर छात्रों को पेश आने वाली समस्याओं का समाधान कर सकती है। वहीं अगर कोई छात्र मेंटल स्ट्रेस से जूझ रहा है, तो ऐसे में उन छात्रों की काउंसिलिंग करने के भी आदेश दिए गए हैं। हालांकि कालेजों को गए पत्र में शिक्षा विभाग ने यह साफ किया है कि यूजी फाइनल ईयर के छात्रों की ऑनलाइन क्लासेज लगाई जाएं। वहीं साइंस, कॉमर्स व अन्य विषय के बारे में छात्रों को रिविजन करवाने को कहा है, ताकि अगर जुलाई में छात्रों की परीक्षा होती है, तो ऐसे में वे इसके लिए तैयार भी हों। बता दें कि देश और प्रदेश में लगातार कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं और कोरोना की दूसरी लहर ने सभी को अपने चपेट में लिया हुआ है। इस समय प्रदेश में आगामी आदेशों तक सभी शिक्षण संस्थान बंद हैं और स्कूली बच्चे घर बैठे ही ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि शिक्षा विभाग द्वारा पूरा प्रयास किया जा रहा है कि बच्चों को हर प्रकार की सुविधा घर बैठे ही ऑनलाइन मुहैया करवाई जाए।

इसके लिए स्टडी मैटीरियल भी उन्हें घर बैठे ही हर घर पर ऑनलाइन माध्यम से उपलब्ध करवाया जा रहा है। अब इस बारे में शिक्षा विभाग ने एक बार फिर से महामारी को देखते हुए शिक्षण संस्थानों को जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसमें कहा गया है कि बच्चों का मानसिक संतुलन सही रहे, वे घर बैठे मानसिक तनाव का शिकार न हो, उसके लिए शिक्षक अहम भूमिका निभा सकते हैं। कालेज यूनिवर्सिटी और स्कूल प्रिंसीपल को निर्देश दिए हैं कि बच्चों के मानसिक संतुलन को बनाए रखने के लिए वे समय-समय पर उनसे संपर्क साधें, ताकि बच्चों और उनके परिवार का मानसिक स्वास्थ्य सही बना रहे। वहीं विभाग के निदेशक ने शिक्षण संस्थान को टास्क फोर्स और हेल्पलाइन का गठन करने के निर्देश जारी किए गए हैं। इस हेल्पलाइन के माध्यम से बच्चे अपनी समस्याओं को शिक्षकों तक पहुंचा सकते हैं और शिक्षक भी उन्हें सही राय दे सकते हैं। साथ ही कोविड के प्रति अपने व्यवहार को बढ़ावा देना, जिसमें स्वच्छता, मास्क पहनना, साबुन से बार-बार हाथ धोना, सामाजिक दूरी को बनाए रखना आदि शामिल है, इसमें शिक्षक और कर्मचारी अहम भूमिका निभा सकते हैं।