हजारों किसानों का फिर दिल्ली कूच, पानीपत से निकले पांच हजार से ज्यादा किसान, काफिले पर फूलों की वर्षा

दिव्य हिमाचल ब्यूरो — नई दिल्ली

लगातार छह महीने से कृषि कानूनों को रद्द करवाने के लिए बॉर्डर पर बैठे किसानों के समर्थन में करनाल, अंबाला के बाद गुरुवार को पानीपत से पांच हजार से ज्यादा किसानों ने दिल्ली कूच किया। पानीपत टोल पर सुबह नौ बजे से ही किसानों का जमावड़ा शुरू हो गया था। सवा 11 बजे भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी पानीपत टोल पहुंचे। इसके बाद डीएसपी संदीप गुरनाम सिंह चढ़ूनी की गाड़ी में गए और फिर चढ़ूनी की एसपी शशांक कुमार सावन से बात कराई गई। लगभग 10 मिनट फोन पर बात करने के बाद चढ़ूनी मंच पर पहुंचे, जहां किसानों को प्रोत्साहित करने के बाद शांतिपूर्वक तरीके से कूच करने के लिए कहा गया।

पानीपत में दिल्ली कूच की अगवाई के लिए स्पेशल निहंग सिखों की सेना बुलाई गई थी, लेकिन बाद में किसान यूनियन ने फैसला लिया कि भारतीय किसान यूनियन के नेता ही पानीपत से दिल्ली कूच की अगवाई करेंगे। इसमें सबसे पहले युवाओं की बाइक का काफिला था, जिसके पीछे खुली जीप में गुरनाम सिंह चढ़ूनी, जिला अध्यक्ष सुधीर जाखड़, प्रदेश उपाध्यक्ष सत्यवान नरवाल व अन्य किसान नेता मौजूद रहे। उनके पीछे तीन से चार सौ गाडिय़ों का काफिला था। वहीं समालखा क्रॉस करने तक किसानों का काफिला 500 से ज्यादा गाडिय़ों का हो गया था। पुल के ऊपर से दिल्ली कूच पर फूल की बारिश की गई। यह फूल की बारिश पानीपत टोल प्लाजा पुल से लेकर सिवाह पुल तक की गई। पानीपत के किसान ही अपने बाग से फूल लाए थे।