बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के गृह विधानसभा क्षेत्र में भाजपा दोफाड़

अश्वनी पंडित-बिलासपुर

प्रदेश में तीन हलकों और एक संसदीय क्षेत्र के उपचुनाव में उलझी भाजपा की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के गृह विधानसभा क्षेत्र झंडूता में भाजपा में बड़ा विस्फोट हुआ है। पार्टी यहां दोफाड़ हो गई है। पूर्व मंत्री एवं पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष रिखीराम कौंडल के बेटे राजकुमार कौंडल ने पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उनका कहना है कि जयराम सरकार के सत्ता में आने के बाद से लेकर अब तक पुराने कार्यकर्ताओं की अनदेखी की जा रही है। साथ ही मंडल कार्यकारिणी में कांग्रेस से आए लोगों को महत्त्वपूर्ण ओहदों पर नवाजा गया है।

राजकुमार कौंडल घराण पंचायत के प्रधान भी हैं। उनका कहना है कि प्रदेश व राष्ट्रीय हाईकमान को भी अनदेखी के मसले पर अवगत करवाया गया है। 2022 में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव में टिकट की तान छेड़ते हुए फैसला पार्टी पर छोड़ा है। यहां सर्किट हाउस में प्रेस कान्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि वह अपने पिता स्व. रिखीराम कौंडल के अधूरे सपने को पूरा करने के लिए फील्ड में उतरे हैं। पुराने कार्यकर्ताओं की अनदेखी व मंडल की बैठकों व कार्यक्रमों में न बुलाए जाने से जनप्रतिनिधियों ने भी उन्हें समर्थन दिया है। चुनाव में हाईकमान से टिकट मांगेंगे और यदि टिकट नहीं मिलता है, तो अन्य विकल्पों पर गौर किया जाएगा। (एचडीएम)

आज हो रही अनदेखी

झंडूता हलके का पांच बार प्रतिनिधित्त्व कर चुके रिखीराम कौंडल का पिछले चुनाव में अचानक टिकट से भी कार्यकर्ता नाराज हैं। सीटिंग एमएलए होने के बावजूद उन्हें पार्टी ने चलता कर दिया यह कहां का न्याय? यह शब्द पुराने कार्यकर्ताओं ने कहे। इतने वर्षों तक पार्टी की सेवा करने का यह सिला मिला।

मीटिंग, कार्यक्रमों में निमंत्रण नहीं

जिला परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष अनूप महाजन के अलावा जनप्रतिनिधियों शिल्पा शर्मा, वार्ड सदस्य सागर चंदेल व वीसी स्याल सहित अन्य पंचायतों से आए तीन दर्जन से ज्यादा पूर्व व वर्तमान जनप्रतिनिधियों ने एकस्वर में कहा कि अनदेखी से वह सभी खफा हैं। विडंबना यह है कि मंडल के अध्यक्ष, महामंत्री और ओबीसी मोर्चे के जिलाध्यक्ष से लेकर मंडल सचिव तक सभी पदों पर दूसरे दलों से आए हुए लोग बिठाए गए हैं, जबकि निष्ठावान व पुराने कार्यकर्ताओं की घोर अनदेखी की जा रही है। मंडल की मीटिंग और उदघाटन व शिलान्यास कार्यक्रमों में भी नहीं बुलाया जाता।