जेसीसी बैठक बुलाओ, नहीं तो करेंगे सत्याग्रह, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को पेंशनरों ने दी चेतावनी

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को पेंशनरों ने दी चेतावनी, वादा करो पूरा

विशेष संवाददाता-शिमला

कर्मचारी महासंघ को सरकार की मान्यता के बाद पेंशनरों ने भी सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश की है। पेंशनर भी अपनी मांगों को लेकर जेसीसी की बैठक बुलाने की डिमांड कर रहे हैं और उन्होंने सरकार को चेतावनी दी है कि वह बुजुर्गों को सत्याग्रह करने पर मजबूर कर रही है। पेंशनर वेलफेयर एसोसिएशन ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उनसे किए गए वादों के अनुसार जेसीसी की बैठक बुलाकर बातचीत नहीं की जाती है तो वह लोग सत्याग्रह करेंगे जिसके लिए सेवानिवृत्त कर्मचारी एकजुट होना शुरू हो गए हैं।

एसोसिएशन के प्रधान एचआर वशिष्ठ और महासचिव हरिचंद गुप्ता ने कहा कि सरकार ने वादा कर रखा है। खुद मुख्यमंत्री ने सुंदरनगर में उनसे बातचीत करके ये ऐलान किया था कि जल्द जेसीसी की बैठक बुलाएंगे मगर सरकार को साढ़े तीन साल से ज्यादा का समय हो चुका है अब तक वादा पूरा नहीं हुआ। अब सरकार ने एक संगठन अश्वनी ठाकुर को मान्यता दे दी है। ऐसे में पेंशनर वेलफेयर एसोसिएशन भी अब डिमांड करने लगी है। इन सेवानिवृत्त कर्मचारी संगठन के नेताओं ने कहा कि उनकी संस्था सबसे पुरानी है और प्रदेश भर के पेंशनरों का प्रतिनिधित्व कर रही है। इसलिए सरकार को अब देरी नहीं करनी चाहिए क्योंकि कर्मचारियों की भी जेसीसी अब जल्द करवाई जा रही है। उनसे डिमांड चार्टर भी मांगा जा रहा है मगर पेंशनरों से अभी कोई मांगपत्र नहीं मांगा गया है।

सीएम भूले अपना वादा

ऊना। मुख्यमंत्री साढ़े तीन वर्ष पूर्व पेंशनर्ज से किए वादे को आज दिन तक पूरा नहीं कर पाए हैं। यह बात पेंशनर्ज वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान एचआर वशिष्ट ने कहीं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने वर्ष 2018 में पेंशनर्ज वेलफेयर एसोसिएशन के सुंदरनगर में आयोजित समारोह में लोकसभा सदस्य और मंडी व बिलासपुर जिला के विधायकों की उपस्थिति में एसोसिएशन को पेंशनर्ज की मांगों बारे विचार करने के लिए शिमला बुलाने का आश्वासन दिया था, लेकिन साढ़े तीन वर्ष बीत चुके है और सीएम ने वादे को पूरा नहीं किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने पेंशनर्ज के प्रति जो रवैया अपना रखा है, उससे पेंशनर्ज खफा है।