चुनाव गैरकानूनी, इलाका खाली करे पाकिस्तान, पीओके चुनाव पर विदेश मंत्रालय की दो टूक

दिव्य हिमाचल ब्यूरो — नई दिल्ली

पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में हुए चुनाव पर विदेश मंत्रालय की तरफ से तल्ख टिप्पणी की गई है। उन्होंने साफ कहा है कि गैरकानूनी तरीके से वहां पर चुनाव कराए गए हैं, जिसे वहां की जनता ने ही सिरे से खारिज कर दिया है। उनकी तरफ से स्पष्ट कहा गया है कि पाकिस्तान भारत के उन तमाम इलाकों को तुरंत खाली करे और वहां पर जारी मानव अधिकारों के हनन को रोके। जारी बयान में कहा गया है कि पाक अधिकृत कश्मीर में कराए गए चुनाव गैरकानूनी है और पाकिस्तान द्वारा सिर्फ उस सच को छिपाने का प्रयास है कि उन्होंने इन इलाकों पर गैरकानूनी कब्जा जमा रखा है।

भारत की तरफ से पाक अधिकारियों को इस बारे में विरोध जता दिया गया है, जो देकर कहा गया है कि ये चुनाव इस सच्चाई को नहीं छिपा सकते कि पाक अधिकृत कश्मीर में लोगों के साथ कैसा सुलूक किया जा रहा है, वहां पर कैसे मानव अधिकारों का हनन किया जा रहा है। कड़ा संदेश देते हुए पाकिस्तान को बताया गया है कि पीओके पर उनका कोई अधिकार नहीं है और उन्हें उन तमाम इलाकों को तुरंत खाली कर देना चाहिए, जहां पर गैरकानूनी तरीके से कब्जा जमाया गया है।

सीपीईसी पर भी चेताया

विदेश मंत्रालय द्वारा सिर्फ पीओके चुनाव पर ही तल्ख टिप्पणी नहीं की गई है। सीपीईसी (चाइना पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर) पर स्पष्ट संदेश दिया गया है कि उनका वह कॉरिडोर भारत की जमीन से होते हुए गुजरता है, ऐसे में भारत यथास्थिति को बदलने वाले हर कदम का पुरजोर रूप से विरोध करता है। इससे पहले भी भारत ने इस प्रोजेक्ट का हर स्तर पर विरोध किया है।

इमरान ने खून के प्यासे तालिबानी को बताया ‘आम नागरिक

इस्लामाबाद। अफगानिस्तान में हिंसा फैला रहे तालिबान के हाथ मजबूत करने वाले पाकिस्तान ने अमरीका पर निशाना साधा है। प्रधानमंत्री इमरान खान का कहना है कि अमरीका ने सब कुछ बिगाड़ दिया, जिसका खामियाजा आज अफगानिस्तान भुगत रहा है। एक इंटरव्यू में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा कि अफगानिस्तान की समस्या का समाधान युद्ध नहीं, बल्कि राजनीतिक समझौते से संभव है। इतना ही नहीं उन्होंने खून के प्यासे तालिबानियों को सामान्य नागरिक भी करार दिया।

जयशंकर बोले, अफगानिस्तान पर जबरन कब्जे के खिलाफ है हिंदुस्तान

नई दिल्ली। अफगानिस्तान में मौजूदा हालात पर भारत ने अपनी स्थिति साफ की है। केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में कहा है कि भारत, अफगानिस्तान को जबरन कब्जे में लिए जाने के खिलाफ है। भारत ने साफ किया है कि अफगानिस्तान में जारी हिंसा के राजनीतिक समाधान को ही भारत सपोर्ट करता है। विदेश मंत्री ने राज्यसभा को बताया कि अमरीका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ उनकी अफगानिस्तान के मसले पर विस्तृत चर्चा हुई है। चर्चा के बाद दोनों ही देश इस बात पर सहमल हुए हैं कि हिंसा के जरिए अफगानिस्तान पर जबरन कब्जा नहीं होना चाहिए।