जासूसी पर बवाल : फ्रांस करवाएगा जांच, मोदी सरकार लीपापोती में जुटी

दिव्य हिमाचल ब्यूरो — नई दिल्ली

वाशिंगटन पोस्ट व दि गार्जियन समेत 16 मीडिया संस्थानों की संयुक्त रिपोर्ट सामने आने के बाद पूरी दुनिया में पेगासस सॉफ्टवेयर से जासूसी का मुद्दा उठ रहा है। इस मामले में फ्रांस सरकार ने बड़ा फैसला करते हुए पेगासस सॉफ्टवेयर से कथित जासूसी की जांच शुरू करने का आदेश दे दिया है। उधर, विपक्ष के जोरदार हंगामे के बावजूद भारत सरकार मामले की जांच को तैयार नहीं है और आरोपों की लीपापोती में जुटी हुई है। बता दें कि इजरायली कंपनी के इस सॉफ्टवेयर से भारत में भी 300 सत्यापित मोबाइल नंबरों की जासूसी होने का दावा किया गया है। इनमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी, चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर समेत कई बड़े नेताओं, 40 पत्रकारों, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश, पूर्व चुनाव आयुक्त और अन्य लोगों के नंबर शामिल बताए जा रहे हैं।

 कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल जोर-शोर से इस मामले की जेपीसी जांच करवाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी और उनके मंत्रियों सहित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इसे देश को बदनाम करने की साजिश बताते हुए किसी भी जांच से इनकार किया है। योगी ने तो इस मामले के पीछे अंतरराष्ट्रीय साजिश का भी दावा कर दिया है। कमाल की बात यह है कि न सिर्फ कांग्रेस के नेता, बल्कि केंद्रीय संस्कृति मंत्री प्रह्लाद पटेल और संसद में सरकार का बचाव करने वाले आईटी मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव के फोन भी हैकिंग टारगेट पर थे। बता दें कि इजरायली कंपनी एनएसओ ने जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस को विकसित करने के बाद विभिन्न देशों की सरकारों को बेचना शुरू किया।

 2013 में सालाना चार करोड़ डालर कमाने वाली इस कंपनी की कमाई 2015 तक करीब चार गुना बढ़कर 15.5 करोड़ डालर हो गई। सॉफ्टवेयर काफी महंगा माना जाता है, इसलिए सामान्य संगठन और संस्थान इसे खरीद नहीं पाते। 2016 में पहली बार अरब देशों में काम कर रहे कार्यकर्ताओं के आईफोन में इसका इस्तेमाल उजागर हुआ। बचाव के लिए एप्पल ने तत्काल आईओएस अपडेट कर सुरक्षा खामियां दूर कीं। एक साल बाद एंड्रॉयड में भी पेगासस से जासूसी के मामले सामने आने लगे। 2019 में फेसबुक के सुरक्षा विशेषज्ञों ने पेगासस को एक बड़ा खतरा बताते हुए केस दायर किया। इसी दौरान व्हाट्सएप ने भारत में कई कार्यकर्ता और पत्रकारों के फोन में इसके उपयोग का खुलासा किया था।

मोदी सरकार सिर्फ यह बताए

कांग्रेस ने सरकार पर हमला बोलते हुए सवाल दागा कि मोदी सरकार ने इजरायल से जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस खरीदा है या नहीं। खरीदा है, तो कितने रुपए में यह सौदा हुआ है और इस सॉफ्टवेयर से किस-किस की जासूसी हुई है।

शुभेंदु अधिकारी के दावे पर घिरी भाजपा

कोलकाता। पेगासस जासूसी मामले को मोदी सरकार भले ही इसे बेबुनियाद बता चुकी हो, लेकिन विपक्ष हावी होता जा रहा है। अब पश्चिम बंगाल में चुनावों के दौरान किए गए भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी के एक दावे से पार्टी इस मामले में घिर गई है। दरअसल, एक वीडियो सामने आया है, जिसमें शुभेंदु अधिकारी को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि उनके पास मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी के ऑफिस से किए गए सभी फोन कॉलों का रिकार्ड है। अधिकारी के इस दावे को अब पेगासस से जोड़कर देखा जाने लगा है।