बागबानों को क्रेट देगा बागबानी विभाग, डेढ़ लाख की खरीद का आर्डर; प्रति किलो के हिसाब से होगी सेब की खरीद

डेढ़ लाख की खरीद का आर्डर; प्रति किलो के हिसाब से होगी सेब की खरीद, सबसिडी पर मिलेगी सुविधा

विशेष संवाददाता — शिमला

प्रदेश के सेब बागबानों से इस बार सरकार क्रेट में सेब खरीदेगी। इससे पहले कार्टन व बोरी में सेब लिया जाता था, मगर इस बार से क्रेट में सेब लेने की योजना है। खुद क्रेट खरीदकर सरकार बागबानों को सबसिडी में क्रेट उपलब्ध करवाएगी। इस योजना पर बागबानी विभाग ने काम शुरू कर दिया है, जिसने बाकायदा क्रेट की खरीद के लिए बजट रखा है। इसकी खरीद भी शुरू कर दी गई है। बागबानी विभाग बागबानों से एमआईएस योजना के तहत सेब की खरीद करता है। बताया जाता है कि बागबानी विभाग के अधीन आने वाले एचपीएमसी को 1.50 लाख क्रेट की सप्लाई ऑर्डर जारी कर दिए गए हैं। एचपीएमसी ने भी बिना किसी देरी के आगे क्रेट निर्माताओं को डेढ़ लाख क्रेट की डिमांड भेज दी है। निगम प्रबंधन द्वारा विभाग को उपलब्ध करवाई जाने वाली यह क्रेट आगे बागबानों को 135 रुपए की सबसिडी पर दिया जाएगा।

एक क्रेट की कीमत 250 से 350 रुपए तक है, जिसे बागबानों को विभाग द्वारा तय उपदान पर उपलब्ध करवाया जाएगा। उपदान पर दिए जाने वाले क्रेट के लिए विभाग ने दो करोड़ के बजट का प्रावधान किया है। विभाग पहले ही तय कर चुका है कि एक बागबान को दस क्रेट ही दिए जाएंगे, ताकि अधिक से अधिक बागबान क्रेट पर दी जा रही सबसिडी का लाभ उठा सकें। दावा किया जा रहा है कि अगले सप्ताह तक बागबानों को विभाग द्वारा सेब ढुलाई के लिए क्रेट उपलब्ध करवा दिए जाएंगे। इसके बाद बागबानों को सेब सीजन में सेबों की ग्रेडिंग पैकिंग के झंझट से छुटकारा मिल जाएगा। बागबानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर का कहना है कि क्रेट में सेब की खरीद का एक विकल्प बागबानों को दिया जा रहा है। यह सफल रहता है, तो इसे लगातार आगे बढ़ाया जाएगा। कुल्लू व मनाली में इससे पहले भी क्रेट में ही सेब की खरीद-फरोख्त होती है।

बागबानों को पैसे न मिलें, तो करें शिकायत

शिमला – हिमाचल प्रदेश में सेब सीजन ने रफ्तार पकडऩी शुरू कर दी है। फल मंडियों में रोजाना हजारों की संख्या में सेब बॉक्स पहुंच रहे हैं। ऐसे में बागबानों के साथ किसी भी तरह की धोखाधड़ी की घटना पेश न आए, इसके लिए एपीएमसी ने बागबानों से आग्रह किया है कि समय पर फसल की पेमेंट न मिलने से तुरंत एपीएमसी व एसआईटी से शिकायत करें, ताकि आढ़तियों सहित सेब खरीददारों पर समय रहते कार्रवाई अमल में लाकर बागबानों को उनका पैसा मिल सके। एपीएमसी शिमला किन्नौर कि चेयरमैन नरेश शर्मा ने कहा कि सेब सीजन के दौरान बागबानों को उनकी मेहनत के अच्छे दाम मिले, इसके लिए एपीएमसी द्वारा योजना तैयार की गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मंडियों का विस्तार किया गया है। ऐसे में 50 प्रतिशत सेब की मार्केटिंग राज्य में ही हो रही है। अभी तक फल मंडियों में एक लाख 50 हजार सेब बॉक्स पहुंच चुके ंहै। अगामी दिनों के दौरान सेब सीजन के पूरी रफ्तार पकडऩे की संभावना जताई जा रही है। उन्होंने कहा कि मंडियों में कोविड नियमों का पूरा पालन किया जा रहा है। मंडियों को रोजाना सेनेटाइज किया जा रहा है। मंडियों मे मास्क को अनिवार्य किया गया है।