अंधविश्वास ने लील लिए मां संग दो बच्चे, पांगी के रेई में तांत्रिक सिद्धि में लीन परिवार का हाल

फंदे पर लटकी मिली महिला; कमरे में बेटे की लाश, दो दिन पहले चल बसी बेटी

दिव्य हिमाचल ब्यूरो — पांगी (चंबा)

चंबा जिला के जनजातीय उपमंडल पांगी की रेई पंचायत में अंधविश्वास का हैरतंगेज मामला सामने आया है। यहां अंधविश्वास के चलते बेटा-बेटी को खोने के बाद एक महिला ने फंदा लगाकर अपनी जान दे दी। पुलिस की आरंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि महिला खुद को चेलन (तांत्रिक) मानती थीं और पूरे परिवार को इस अंधविश्वास में व्यस्त रखती थीं। हालात यह थे कि यह परिवार एक समय ही खाना खाता था और किसी को भी अपने घर में नहीं आने देता था। इसी बीच इस परिवार की दो बेटियां व एक बेटे को बीमारी ने घेर लिया।

पिता वेदव्यास ने बीमारी को भांप लिया और अपनी दोनों बेटियों को उपचार के लिए चंबा मेडिकल कालेज ले आए, हालांकि वह अपनी एक पंद्रह वर्षीय बेटी को नहीं बचा पाए। दो दिन पहले बेटी का अंतिम संस्कार करने के बाद जब वेदव्यास वापस घर लौटे, तो उसने देखा कि उसकी पत्नी कमरे में फंदे से लटकी हुई है। वहीं, किलाड़ पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का निरीक्षण किया, तो वहां बिस्तर पर वेदव्यास के बीस वर्षीय बेटे का शव भी पड़ा मिला। पुलिस के मुताबिक कमरे से बरामद बेटे के शव की हालत देखकर लगता है कि उसकी मौत काफी पहले हो चुकी थी, लेकिन अंधविश्वास के चलते महिला ने इसका जिक्र किसी के साथ  नहीं किया। उधर, डीएसपी हैडक्वार्टर अभिमन्यु वर्मा ने घटना की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि घटना को लेकर नियमानुसार कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। पुलिस ने महिला व बेटे के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल किलाड़ भिजवा दिया है, जबकि बेटी की दो दिन पहले मेडिकल कालेज चंबा में मौत हो गई थी। पुलिस का कहना है कि तीनों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।

भाई बेहोश था और मां ने कहा था, ठीक कर देगी

तीन मौतों के बाद वास्तविकता जानने के लिए डीएसपी हैडक्वार्टर अभिमन्यु वर्मा ने मेडिकल कालेज में उपचाराधीन वेदव्यास की बेटी से गुरुवार को मुलाकात भी की। इस दौरान वेदव्यास की बेटी ने बताया कि उसका भाई घर में बेहोश पड़ा था और उसकी मां का कहना था कि वह उसे ठीक कर देगी।