ढोल-नगाड़ों के साथ धान की रोपाई, खेतों में नाटी डाल इंद्र देवता का जताया आभार

करसोग से नरेंद्र शर्मा 
करसोग। धान की रोपाई ढोल नगाड़ा व शहनाई से खुशी मनाते हुए नहीं सुना है, तो हम आपको बताते हैं कि करसोग क्षेत्र में आज भी दशकों से चली आ रही परंपरा को निभाते हुए स्थानीय किसान खेतों में फसल लगाते हुए संगीत लहरियों के साथ जश्न भी मनाते हैं व सामूहिक तौर पर खेतों में पहाड़ी नाटी भी डालकर इंद्र देवता का आभार जताया जाता है। उपमंडल करसोग में फसलों का जीवन लगभग पूरी तरह इंद्र देवता के रहमों करम पर टिका रहता है। यदि उचित वर्षा हो जाए, तो सोना उगलने वाली जमीन किसानों के लिए जेब भरने का कार्य करती है। अब जब अच्छी वर्षा हुई, तो खेतों का गला तर होने पर किसान महिलाएं धान रोपाई के लिए खेतों में उतर चुकी हैं।