हिमाचल में होगा अंतरिक्ष विज्ञान में शोध

केंद्रीय विश्वविद्यालय इसरो से करेगा स्पेस सांइस में रिसर्च को एमओयू

पवन कुमार शर्मा – धर्मशाला

हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय अपने छात्रों को अंतरिक्ष विज्ञान में अवसर प्रदान करने के लिए इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (इसरो) के साथ जल्द ही एमओयू साइन करेगा। केंद्रीय विश्वविद्यालय का भौतिकी विभाग इस दिशा में काम कर रहा है। उत्तरी भारत में अब तक स्पेस साइंस में कोई बड़ा काम नहीं हुआ है, लेकिन केंद्रीय विश्वविद्यालय का इसरो के साथ एमओयू साइन होने के उपरांत हिमाचल में एक नया चैप्टर शुरू हो जाएगा। विश्वविद्यालय ने करीब एक माह पहले ही इसके लिए प्रयास शुरू किए थे और पिछले दिनों विश्वविद्यालय की अकादमिक काउंसिल ने भी इस विषय को मंजूरी दे दी है। अब जल्द ही केंद्रीय विश्वविद्यालय का इसरो के साथ समझौता होगा। इसका फायदा यह होगा कि इसरो केंद्रीय विश्वविद्यालय को इस दिशा में बढऩे के लिए बड़े स्तर पर फंडिंग करेगा और यहां टेलिस्कोप भी स्थापित होगा। यह एक ऐसी दूरबीन है जिसमें आकाश में तारे, गैलेक्सी सहित अन्य सभी तरह की चीजों को देखा जा सकेगा। इसके तहत करोड़ों रुपए का खर्च होने वाला है। इसके बाद केंद्रीय विश्वविद्यालय रिसोर्स पर्सन तैयार करने वाला एक बड़ा केंद्र बन जाएगा। इसके लिए बड़े स्तर पर प्रयास चल रहे हैं। (एचडीएम)

सभी विभागों को तीन-तीन एमओयू साइन करने को कहा

केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एसपी बंसल ने बताया कि केंद्रीय विश्वविद्यालय के सभी विभागों को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय बॉडीज के साथ तीन-तीन एमओयू साइन करने को कहा गया है, जिससे छात्रों को औद्योगिक क्षेत्रों से जुडऩे और एक्सचेंज प्रोग्राम चलाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इससे शोध का दायरा भी बढ़ेगा और छात्रों के व्यक्तित्व का विकास भी होगा। प्रो. बंसल ने कहा कि विश्वविद्यालय में आने वाले छात्र अपने शोध कार्यों से देश-दुनिया में नाम कमाएं, इसलिए उन्हें प्रोत्साहित किया जाएगा। इसरो जैसे प्रतिष्ठित संस्थान के साथ जुडऩा हिमाचल जैसे छोटे राज्य में सीयू के छात्रों के लिए गर्व की बात है।