Anganbadi : सड़कों पर उतरीं आंगनबाड़ी कर्मी, मांगें पूरी करवाने को उठाई आवाज

मांगें पूरी करवाने को उठाई आवाज; कहा, राहत नहीं दी, तो आंदोलन होगा तेज

स्टाफ रिपोर्टर-शिमला

आंगनबाड़ी वर्कर्ज और हेल्पर यूनियन संबंधित सीटू के आह्वान पर आंगनबाड़ी कर्मियों ने प्रदेश में पूर्ण हड़ताल की। इस दौरान सभी आंगनबाड़ी केंद्र बंद रहे व प्रदेशभर में तीस हजार से ज्यादा आंगनबाड़ी कर्मी अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरे। यूनियन अध्यक्ष नीलम जस्वाल ने कहा कि इस नियुक्ति में 45 वर्ष की शर्त खत्म करने, सुपरवाइजर नियुक्ति के लिए भारतवर्ष के किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय की डिग्री को मान्य करने, वरिष्ठता के आधार पर मैट्रिक व ग्रेजुएशन पास की सुपरवाइजर में तुरंत भर्ती करने, सरकारी कर्मचारी के दर्जे, हरियाणा की तर्ज पर वेतन देने, रिटायरमेंट की आयु 65 वर्ष करने की मांग को लेकर कर्मचारी सड़कों पर उतरे।

उन्होंने केंद्र व प्रदेश सरकार को चेताया है कि अगर आईसीडीएस का निजीकरण किया गया व आंगनबाड़ी वर्कर्ज को नियमित कर्मचारी घोषित न किया गया तो आंदोलन और तेज होगा। उन्होंने नई शिक्षा नीति को वापस लेने की मांग की है क्योंकि यह आईसीडीएस विरोधी है। नई शिक्षा नीति में वास्तव में आईसीडीएस के निजीकरण का छिपा हुआ एजेंडा है। उन्होंने आंगनबाड़ी कर्मियों के लिए पेंशन, ग्रेच्युटी, मेडिकल व छुट्टियों की सुविधा लागू करने की मांग की है। उन्होंने चेताया है कि अगर आंगनबाड़ी कर्मियों की प्री-प्राइमरी में सौ प्रतिशत नियुक्ति न हुई तो यूनियन अनिश्चितकालीन आंदोलन का रास्ता अपनाएगी।