आदमखोर से निजात कब?

पिछले दिनों शिमला जिला के कनलोग क्षेत्र में घात लगाए बैठे चीते ने पांच वर्षीय प्रियंका नाम की लड़की को मार दिया। यह अत्यंत दुखद घटना है। कुछ तो लोग कोरोना से आतंकित है, ऊपर से हिंसक पशु इतने दुस्साहसी हो गए हैं कि घरों से उठाकर बच्चों को ले जाते हैं। इस परिवार के लिए यह सचमुच ही दुखद घटना है। एक-दो दिन चर्चा के बाद फिर स्थिति पूर्ववत हो जाएगी। कुछ मुआवजे की बात होगी और फिर वही ढाक के तीन पात। जो जानें चली गईं, वे हरगिज लौटकर नहीं आ सकती। अब सवाल यह है कि हिंसक पशुओं का संरक्षण क्या मानव से भी अधिक मूल्यवान और जरूरी है। सरकार को कोई ऐसी नीति बनानी चाहिए ताकि लोगों को हिंसक पशुओं से राहत मिल सके। पर्यावरण भी तभी सुरक्षित रहेगा, जब मानव सुरक्षित व खुशहाल रहेगा।

-किशन सिंह गतवाल, सतौन, सिरमौर