लड़कियों के प्रति संकीर्ण मानसिकता त्यागें

अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस लड़कियों के सशक्तीकरण को बढ़ावा देने और लैंगिक समानता को सुदृढ़ करने के लिए हर साल 11 अक्तूबर को मनाया जाता है। यह दिन पूरे विश्व के लिए समाज में बालिकाओं के साथ हो रहे भेदभाव और असमानता के विरुद्ध आवाज उठाने के लिए प्रतिबद्ध होने का होता है, लेकिन अफसोस तो इस बात का है कि 21वीं सदी में आकर दुनिया के बहुत से देशों में लड़कियों के साथ भेदभाव इसके बावजूद किया जा रहा कि जब लड़कियां भी लड़कों के बराबर हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। हमारे देश में भी ऐसी रूढि़वादी और संकीर्ण मानसिकता वाले लोगों की कमी नहीं है। हमारे देश में कुछ लोग एक तरफ तो कंजक पूजन करते हैं, वहीं दूसरी तरफ वो ही लोग लड़कियों के प्रति संकीर्ण सोच रखते हैं। हमें यह सोच बदलनी चाहिए।

-राजेश कुमार चौहान, सुजानपुर टीहरा