प्रदेश में सुचारू रूप से यातायात कब?

कोरोना की लहर अब धीमी पड़ रही है। भले ही छुटपुट मामले प्रदेश में हों, पर भार निकल चुका है। कोरोना प्रोटोकॉल की अनुपालना में कुछ ढील स्पष्ट नजर आती है। नए मामले भी कम हुए हैं। प्रदेश में उपचुनावों के लिए प्रचार भी चल रहा है। कुछ शिक्षण संस्थान खुल गए हैं और कुछ खुलने वाले हैं। किंतु प्रदेश में कई मार्ग अब भी अवरुद्ध हैं या उन पर बसें पूर्ववत निर्धारित संख्या में नहीं चलाई जा रही हैं। बसें सरकारी हों या निजी, पर उन्हें चलाया ही जाना चाहिए। बात यदि सिरमौर की करें तो पांवटा से रेणुकाजी जाने वाली कई बसें नहीं चल रही हैं या उनके मार्ग बदल दिए गए हैं। एक बस प्रातः 7.30 बजे चलती थी वाया मालगी से रेणुकाजी, वह महीनों से बंद है। पांवटा से रेणुका जाने वाली सवारियां परेशान हैं। अतः सभी रूटों पर बसें चलाई जानी चाहिए।

-किशन सिंह गतवाल, सतौन, सिरमौर