चीन के बेबुनियाद दावे कभी नहीं स्वीकारे, पेंटागन की रिपोर्ट पर भारत की दो टूक

दिव्य हिमाचल ब्यूरो — नई दिल्ली
पेंटागन ने बीते दिनों एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें कहा गया था कि चीन ने अरुणाचल से सटे इलाकों में गांव बसा दिए हैं। इस पर केंद्र की मोदी सरकार ने जवाब दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने साफ कर दिया है कि भारत अपनी सुरक्षा पर प्रभाव डालने वाले सभी घटनाक्रमों पर लगातार नजर रखता है।

भारत ने एलएसी पर चीन की ओर निर्माण गतिविधियों का संदर्भ देने वाली अमरीकी रक्षा विभाग की रिपोर्ट पर हमने संज्ञान लिया है। चीन ने पहले भी सीमा से लगते क्षेत्र में निर्माण कार्य किए हैं, जिसमें दशकों के दौरान अवैध रूप से कब्जा किया गया क्षेत्र शामिल है। विदेश मंत्रालय ने पेंटागन की रिपोर्ट पर कहा कि भारत ने अपनी जमीन पर न तो चीन के अवैध कब्जे और न ही अनुचित चीनी दावों को स्वीकार किया है। सरकार ने हमेशा राजनयिक माध्यम से ऐसी गतिविधियों का कड़ा विरोध किया है और भविष्य में भी ऐसा करना जारी रखेगी।

बुनियादी ढांचे मजबूत किए
विदेश मंत्रालय ने सीमावर्ती क्षेत्रों में चीन की निर्माण गतिविधियों पर कहा कि भारत ने भी सड़कों और पुलों के निर्माण सहित सीमा पर बुनियादी ढांचे को मजबूत किया है। सरकार ने सड़क, पुल आदि के निर्माण सहित सीमावर्ती क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिससे सीमावर्ती क्षेत्र में स्थानीय आबादी को ज़रूरी सुविधाएं और कनेक्टिविटी दी गई है। आगे भी सरकार ऐसे काम करती रहेगी।

अभी नहीं खुलेगा करतारपुर गलियारा
भारत सरकार द्वारा गुरु पर्व के मौके पर भी करतारपुर कॉरिडोर को नहीं खोलने का फैसला लिया गया है। करतारपुर कॉरिडोर कब खुलेगा? इस बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय प्रवक्ता ने कहा कि सरकार ने करतारपुर कॉरिडोर को नहीं खोलने का फैसला लिया है।

उन्होंने कहा कि करतारपुर गलियारे को कोरोना के कारण मार्च, 2020 में बंद किया गया था। दोनों देशों के बीच जमीनी रास्ते से बेहद सीमित आवाजाही वाघा-अटारी सीमा चैक प्वॉइंट से हो रही है। 1500 तीर्थ यात्रियों का एक जत्था गुरु पूरब के मौके 17-26 नवंबर तक पाकिस्तान की यात्रा करेगा, लेकिन यह यात्रा वाघा अटारी चैक प्वॉइंट से होगी। यह जत्था गुरुद्वारा ननकाना साहिब, पंजा साहिब, देहरा साहिब, करतारपुर साहिब समेत छह स्थानों पर जाएगा। यह यात्रा 1974 के तीर्थ यात्रा प्रोटोकॉल के तहत हो रही है। हालांकि इसके पहले पाकिस्तान ने जून में अर्जन देव जी शहीदी दिवस और रणजीत सिंह की पुण्यतिथि और के मौके पर भारत से तीर्थ यात्रियों को इजाजत नहीं दी थी।