50 लाख की बकरियां लेकर मुकर गया विभाग

जिस कंपनी से ली, वह अब भुगतान के लिए काट रही चक्कर, महकमे ने कंपनी को ही कर दिया ब्लैक लिस्ट

रोहित शर्मा – शिमला
हिमाचल में किसानों में बांटने के लिए राजस्थान से ली गई 4000 बकरियों की कीमत अदा करने से पशुपालन विभाग मुकर गया है। जिस कंपनी से ये बकरियां ली गई हैं, वह कंपनी कभी हाई कोर्ट तो कभी सरकार के चक्कर काट रही है। करीब 50 लाख का भुगतान है और अब विभाग ने कंपनी को ही ब्लैक लिस्ट कर दिया है। बता दें कि ये बकरियां बीटल, जमनापारी, सिरोही, गद्दी, चेगु और चंगथांगी नस्ल की हैं और एक की कीमत 5000 से 6000 रुपए के आसपास है।

राजस्थान की कंपनी ‘जय माताजी बनवाल के मालिक राम किशोर और उर्मिला बंगाल ने आरोप लगाया है कि नवंबर, 2019 में पशुपालन विभाग ने बकरियों की खरीद के लिए उनकी कंपनी को टेंडर अवार्ड किया। यह टेंडर 12 महीनों के लिए किया गया था, लेकिन 12 महीने में कितनी बकरियों की सप्लाई की जाएगी, यह इसमें नहीं बताया गया था। इसके बाद मार्च, 2020 में कोरोना के कारण देशभर में लॉकडाउन लग गया। इस दौरान बकरियों की कोई सप्लाई पशुपालन विभाग को नहीं की गई। अक्तूबर में विभाग ने कंपनी 30 हजार से ज्यादा बकरियों की सप्लाई एक महीने में करने के लिए ऑर्डर दिया। इतने कम समय में सिर्फ चार हजार के करीब बकरियों की सप्लाई ही की गई। यह सप्लाई जनवरी माह तक हुई है, लेकिन जब पेमेंट करने की बारी आई तो कंपनी को कहा गया कि आपका टेंडर नवंबर माह में ही खत्म हो गया है। पेमेंट करने की बजाय कंपनी को इसलिए ब्लैकलिस्ट कर दिया गया। विभाग कंपनी से 10 प्रतिशत जुर्माने की मांग कर रहा है।

राजस्थान की कंपनी ने टेडर की शर्तांे का पालन नहीं किया। यह कंपनी डिफाल्टर है और विभाग की ओर से कंपनी को ब्लैक लिस्ट किया गया है। इसलिए अब भुगतान नहीं किया जा सकता। उन्हें जितना सप्लाई ऑर्डर दिया गया था, वह भी पूरा नहीं हुआ है
डा. प्रदीप शर्मा निदेशक, पशुपालन विभाग

सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में कंपनी
कंपनी की प्रतिनिधि उर्मिला ने बताया कि राजस्थान से शिमला का सफर करने के बाद जब वे पशुपालन विभाग के अधिकारियों से बात करने को जाते हैं, तो उनसे कोई बात नहीं करता है। निदेशालय से सचिवालय से भेजा जाता हैं और सचिवालय से निदेशालय के चक्कर काटने पड़ रहे है। कंपनी मालिकों का कहना है कि अगर विभाग उनकी पेमेंट जल्द जारी नहीं करता हैं, तो फिर वे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।