आईआईटी मंडी ने लगाया जैव-आणविक प्रक्रिया का पता

कार्यालय संवाददाता — मंडी

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मंडी की एक शोध टीम ने आईआईटी मंडी के स्कूल ऑफ बेसिक साइंसेज के एसोसिएट प्रोफेसर डा. रजनीश गिरी के नेतृत्व में एक महत्त्वपूर्ण जैव-आणविक प्रक्रिया का पता लगाया है, जो अल्जाइमर रोग में अकसर दिखने वाले प्रोटीन क्लस्टर/एग्रीगेट बनने के लिए जिम्मेदार होती है। उन्होंने यह दिखाया कि एमिलॉयड प्रीकर्सर प्रोटीन (एपीपी) का सिग्नल पेप्टाइड एमिलॉयड बीटा पेप्टाइड के साथ एग्रीगेट बना (एक साथ जमा हो) सकता है। उन्होंने बताया कि डिमेंशिया (भूलने की बीमारी) के सबसे आम स्वरूप अल्जाइमर पैदा करने की वजह बनती है। इससे धीरे-धीरे याददाश्त समाप्त होती है और अन्य महत्त्वपूर्ण मानसिक प्रक्रियाएं भी बुरी तरह प्रभावित होती हैं। उन्होंने बताया कि कोशिका के भीतर लगभग हर प्रक्रिया के लिए प्रोटीन आवश्यक है, लेकिन उनके एकत्र होने (एग्रीगेट) और/ या गलत मुडऩे (मिसफोल्डिंग) के चलते हानिकारक प्रभाव हो सकते हैं। ऐसी 50 से अधिक बीमारियां हैं, जिनकी वजह प्रोटीन का एकत्र होना और/ या गलत मुडऩा है।