धर्मशाला में बनेगा 200 करोड़ का कन्वेशन सेंटर, सदन में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का ऐलान

दिव्य हिमाचल ब्यूरो—धर्मशाला
हिमाचल में पर्यटन गतिविधियों को पंख लगाने के लिए एशियाई डिवेलपमेंट बैंक एडीबी की ओर से 2095 करोड़ की परियोजना को स्वीकृति मिल गई। यह जानकारी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शनिवार को सदन में दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने इस परियोजना को कोविड काल से पहले स्वीकृति के केंद्र को भेजा था, लेकिन कोविड काल के चलते देश में वित्तिय कारणों के चलते इस परियोजना को स्वीकृति नहीं मिल पाई थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते दिनों वह इस मामले को लेकर प्रधानमंत्री से भी मिले।

प्रधानमंत्री ने उन्हें वित्तीय मंत्री निर्मला सीतारमन से मिलने की बात कही, जिसके बाद उनसे भी मुलाकात को गई और इस मुद्दे को उठाया गया था। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने उस दौरान 1892 करोड़ की परियोजना बनाकर भेजी गई थी। इसे रिवाइज किया गया था, जिस पर अब 2095 करोड़ की स्वीकृति मिली है। यह परियोजना सात वर्षों में दो चरणों मे पूरी की जाएगी। पहले चरण में 900 करोड़ खर्च किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उस परियोजना के लिए विभाग ने कंसलटेंट नियुक्त कर दिए हैं, जो कि प्रथम चरण की डीपीआर तैयार कर रहे हैं। इस राशि से पुराने शहरों का कायाकल्प सहित रोहतांग टनल के दोनों छोर में साहसिक गतिविधियों को तैयार करने सहित पुराने हेरिटेज व ऐतिहासिक भवनों का सौंदर्यीकरण, जीर्णोद्धार, झीलों में हाउस बोट, शिकारा तथा हिमाचल में बने उत्पादों को बढ़ावा देना शामिल है।

परियोजना से राज्य में पर्यटन को लगेंगे पंख

मुख्यमंत्री ने बताया कि इस परियोजना के तहत धर्मशाला में 150 से 200 करोड़ का कन्वेशन सेंटर तैयार किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने परियोजना की स्वीकृति के लिए प्रधानमंत्री सहित वित्त मंत्री का भी सदन की और से आभार जताया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना के स्वीकृत हो जाने से प्रदेश के पर्यटन को नए पंख लगेंगे।

पर्यटन सेक्टर को एक नई उम्मीद

मुख्यमंत्री ने सदन को अवगत करवाया कि ये एडीबी का पहला पर्यटन परियोजना जो करीब 600 करोड़ रुपए की थी। वर्ष 2010 में भाजपा सरकार के दौरान ही स्वीकृत की गई थी, जिसे वर्ष 2020 में पूर्ण कर लिया गया था। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत कुल 30 कार्यों का निर्माण दो चरणों में किया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना के अंतर्गत किए जाने वाले कार्यों से न केवल पर्यटन आधारभूत संरचना का विकास होगा, बल्कि कोविड से जूझ रहा पर्यटन सेक्टर को एक नई उम्मीद मिलेगी और पर्यटकों की संख्या में इजाफा होगा।