बूस्टर डोज-बच्चों के टीकाकरण पर जल्दबाजी नहीं, लोकसभा में उठे मुद्दे पर मोदी सरकार का विपक्ष को जवाब

लोकसभा में उठे मुद्दे पर मोदी सरकार का विपक्ष को जवाब, वैज्ञानिकों पर भरोसा रखने की अपील

दिव्य हिमाचल ब्यूरो — नई दिल्ली

शीतकालीन सत्र के पांचवें दिन लोकसभा में कोरोना और ऑक्सीजन की कमी का मुद्दा उठा। ऑक्सीजन की कमी के कारण लोगों की जान जाने वाले सवालों पर मंडाविया ने कहा कि पंजाब ने ऑक्सीजन की कमी के चलते मौत होने की सूचना दी है, बाकी राज्यों से ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली है। संसद के शीतकालीन सत्र का शुक्रवार को पांचवां दिन था। लोकसभा में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज और बच्चों के टीकाकरण पर सरकार कोई जल्दबाजी नहीं बरत रही।

सरकार वैज्ञानिकों की सलाह के बाद ही बच्चों के टीकाकरण और बूस्टर डोज पर कोई भी फैसला करेगी। मंडाविया ने लोकसभा में कोरोना की स्थिति पर चर्चा के दौरान कहा कि कोरोना के इन हालातों के बीच हमें अपने वैज्ञानिकों पर भरोसा रखना चाहिए। उन्होंने विपक्षी दलों से भी वैज्ञानिकों पर भरोसा करने की अपील की। श्री मंडाविया ने कहा कि राज्य सरकारों को पत्र लिखकर ऑक्सीजन की कमी से मौतों पर जवाब मांगा था, जिसमें 19 राज्यों ने अपना डाटा भेज दिया है। केवल पंजाब ने ऑक्सीजन की कमी के कारण चार संदिग्ध मौतों की जानकारी दी है। शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया लोकसभा में ऑक्सीजन की कमी के चलते मौतों के सवाल पर जवाब दे रहे थे। संसद में कोरोना को लेकर लगातार चर्चा हो रही है।

संसद में सरकार का जवाब, अब तक 16 हजार यात्रियों के टेस्ट, 18 मिले पॉजिटिव

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने शुक्रवार को लोकसभा में ओमिक्रॉन पर एक प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि जोखिम वाले देशों से 58 उड़ानों में भारत पहुंचे 16000 से अधिक लोगों का आरटी-पीसीआर परीक्षण किया गया है, इनमें से 18 पॉजिटिव पाए गए। उनका जीनोम अनुक्रमण चल रहा है, ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि उनके पास ओमिक्रॉन वेरिएंट है या नहीं।

वैज्ञानिकों की सलाह, 40 प्लस वालों को सबसे पहले लगे बूस्टर डोज

कोरोना के नए वेरिएंट के खतरे के बीच भारत में भी बूस्टर डोज लगाए जाने का प्रस्ताव रखा गया है। इंडियन सार्स-कोविड-2 जेनेटिक कंसोर्शियम के साइंटिस्ट्स ने 40 साल से ऊपर के लोगों के लिए बूस्टर डोज की सिफारिश की है। कंसोर्शियम ने अपनी बुलेटिन में कहा है कि 40 साल से ऊपर की उम्र वालों को बूस्टर डोज लगाई जाए। इसमें फोकस उन पर रखा जाए, जिन्हें खतरा ज्यादा है।