Tanda medical college : पहले सीटी स्कैन, अब एमआरआई मशीन खराब

टांडा मेडिकल कालेज में नहीं मिल रही सुविधा; मरीज परेशान, सरकार को नहीं कोई फिक्र

राकेश कथूरिया-कांगड़ा

डा. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कालेज टांडा में एक अदद सीटी स्कैन मशीन खराब होने से मरीजों के लिए दिक्कतें खड़ी हो गई हैं। यह मशीन पिछले साल अक्तूबर माह से खराब पड़ी है और मंगलवार को खस्ताहाल एमआरआई मशीन भी धोखा दे गई है। ऐसे में डाक्टर राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कालेज टांडा अस्पताल में इलाज करवा रहे मरीजों के लिए आफत खड़ी हो गई है। सीटी स्कैन मशीन खराब होने की वजह से यहां सामान्य व आपात परिस्थितियों में मरीजों को इसके लिए बाहर जाना पड़ रहा है । सीटी स्कैन मशीन करीब एक साल से खराब पड़ी है। लेकिन सरकारी तंत्र बेखबर है। हालांकि 14 सितंबर को यहां आरकेएस की बैठक में स्वास्थ्य मंत्री ने इस मसले पर जरूरी दिशा निर्देश दिए थे लेकिन वह कोई भी सिरे नहीं चढ़े। एक अनुमान के अनुसार करीब 40 सीटी स्कैन रोजाना यहां होते थे। सीटी स्कैन के लिए मरीजों को आठ से 15 सौ रुपए खर्च करना पड़ता था। बाहर इस से दस गुना ज्यादा राशि मरीजों को खर्च करनी पड़ रही है।

ऐसे में गरीब व असहाय लोगों के लिए परेशानी खड़ी हो गई है। मुख्यमंत्री ने भी शासन संभालने के बाद यहां घोषणा की थी कि नई सीटी स्कैन की मशीन लगाई जाएगी, लेकिन कुछ न हुआ। सुपर स्पेशियलिटी व सामान्य मेडिकल कालेज में कायदे अनुसार दो या तीन सीटी स्कैन होनी चाहिए, लेकिन एक अदद सीटी स्कैन मशीन भी खराब पड़ी है। सवाल यह उठता है कि पिछले एक साल से यह मशीन क्यों न ठीक हुई। इसके साथ-साथ यहां एक एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड मशीन लंबे वक्त से खराब पड़ी है। इन मशीनों को दुरुस्त करवाने की जहमत नहीं उठाई गई है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव अजय वर्मा का कहना है कि यह सरकार की जिम्मेदारी है कि यहां मरीजों को सुविधाएं सुनिश्चित करें। सीटी स्कैन मशीन अगर खराब पड़ी है तो उसे शीघ्र दुरुस्त करवाया जाए रेडियोग्राफर की पोस्टों को तुरंत भरा जाए। उन्होंने कहा है कि टांडा में सीटी स्कैन मशीन का खराब होना और रोगियों के इलाज में आवश्यक सीटी स्कैन के लिए तीमारदारों का रोगी को लेकर दर-दर भटकना मेडिकल कालेज प्रशासन और मौजूदा सरकार की कार्यकुशलता पर बहुत बड़ा प्रश्न चिन्ह लगाता है और सरकार के निकम्मेपन का जीता जागता उदाहरण है। अगर सरकार ने जल्दी व्यवस्था को दुरुस्त नहीं किया तो सरकार को विरोध का सामना करना पड़ेगा। (एचडीएम)

क्या कहते हैं मेडिकल कालेज के प्राचार्य

डाक्टर राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. भानु अवस्थी का कहना है कि 27 दिसंबर तक मशीन के यहां पहुंचने की संभावना है। उनका कहना है कि जनवरी माह में नई सीटी स्कैन मशीन को चालू कर दिया जाएगा जहां तक एमआरआई मशीन का सवाल है तो वह मंगलवार को ही खराब हुई है। नई मशीन के लिए 12.30 करोड़ रुपए सरकार ने मंजूर किए हैं। उसके लिए करीब 14 करोड़ रुपए की जरूरत है।