यशपाल ने जलाए रखी क्रांति की मशाल

प्रदेश भर के साहित्यकारों ने कविताओं के माध्यम से याद किए हिमाचल के विख्यात क्रांतिकारी साहित्यकार

दिव्य हिमाचल ब्यूरो-मंडी

भगत सिंह के साथी रहे दाद कामरेड, मनुष्य के रूप और दिव्या जैसे कालजयी उपन्यासों के रचयिता एवं हिमाचल के पुरखे साहित्यकार यशपाल को मंडी में आए प्रदेश भर के साहित्यकारों ने कविताओं के माध्यम से याद किया। वहीं पर इस राज्य स्तरीय साहित्य समारोह के दूसरे दिन कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ कवयित्री एवं सांझ फिल्म की नायिका रूपेश्वरी शर्मा ने की। इस अवसर पर यशपाल की भतीजी गोगी सरोज पॉल भी विशेष रूप से उपस्थित रही। इस काव्य गोष्ठी में प्रदेश के करीब पचास कवियों ने अपनी-अपनी रचनाओं का पाठ किया। प्रदेश के चर्चित समकालीन कवि आत्मा रंजन ने सहमति और असहमति के इस दौर पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ये सहमति का समय है सहमति से सिर हिलाते रहने दुम हिलाते रहने का। वरिष्ठ कवयित्री हरि प्रिया शर्मा ने नए वर्ष की आहट कविता में कुछ यूं कहा कि नए वर्ष की आहट पाकर न जाने क्यों बैठे थे उदास, जैसे खो गया है कोई। कथाकार कवि मुरारी शर्मा ने पहाड़ की पीड़ा कविता में कहा, पहाड़ पर यहां निचोड़े जा रहे हैं प्रकृति के संसाधन, काटे जा रहे हैं जगंल, कोई नहीं सुन रहा है जंगल की उदास आत्माओं का प्रलाप। वहीं रूपेश्वरी शर्मा ने रंग थे जो गडमड हो गए भावपूर्ण कविता का पाठ किया। युवा कवि श्याम अजनवी ने कहा, सोचता है समंदर नदी हो जाऊं मैं, बड़ा बनकर खारा हो गया अब मीठा बन जाऊं मैं। जावेद इकबाल ने कहा फिर किले बनेंगे फिर तोड़ दिए जाएंगे। नीलम मेहता ने कहा एक चेहरा मेरे ख्वाब जगा देता है।

इसके अलावा डा. मनोज शर्मा, सुरेखा, दीनाक्षी, यादव किशोर गौतम, राजीव शर्मा, शिवानी, सुमन, ध्यान सिंह चौहान, हरीराम धीमान, सरिता हांडा, कृष्णा ठाकुर, अजीत दीवान, युद्धवीर, डा. मनोहर अनमोल, आशा ठाकुर, वेद कुमार, भूपेंद्र, बलवंत नीव, विद्या शर्मा, राजेंद्र ने अपनी रचनाओं से प्रभावित किया। इसके अलावा युवा कवि शिवा पंचकरण ने कविता की धार कुछ यूं दिखाई. खबरों की दुकान में अखबार कहां बचे, पत्थरों के शहर में भगवान कहां बचे ध्रास्ते तो घर तक पहुंचे हैं। युवा कवयित्री संतोष गर्ग ने कहा शीशे सा है दिल तुम्हारा सब दिखता है आर पार, सोचती हूं प्रेम के रोगन से रंगीन कर दूं पुरी दीवार। इस अवसर पर रूपेश्वरी शर्मा ने कहा कि यशपाल जैसे क्रांतिकारियों ने प्रतिकूल परिस्थितियों में क्रांति की मशाल जलाए रखी। वहीं पर विभाग के अतिरिक्त निदेशक डा. सुरेश जसवाल ने सभी का स्वागत एवं आभार व्यक्त किया। वहीं पर विभाग की ओर से सहायक निदेशक अलका एवं जिला भाषा अधिकारी मंडी प्रोमिला गुलेरिया आदि ने भी भाग लिया।