नाबार्ड में फंसेंगे 550 करोड़ रुपए के बिल

विशेष संवाददाता – शिमला

लोक निर्माण विभाग के नाबार्ड में 550 करोड़ रुपए के बिल अब फंस सकते हैं। यह धनराशि ग्रामीण इलाकों में सड़कों के निर्माण और रखरखाव के लिए केंद्र सरकार ने जारी की है। दिसंबर तक इसमें से लोक निर्माण विभाग 68 प्रोजेक्ट के लिए 415 करोड़ रुपए के कार्य करवा चुका है, जबकि 85 करोड़ रुपए की आगामी किस्त एक सप्ताह में जारी होने की संभावना जताई जा रही है। गौरतलब है कि केंद्र के फंड से चलने वाली नाबार्ड योजना में ऋण के माध्यम से धनराशि उपलब्ध करवाई जाती है। इसमें पहले कार्य आबंटित किया जाता है और उसके बाद बिल प्रस्तुत किए जाते हैं। इन बिलों के आधार पर लोक निर्माण विभाग भुगतान करता है। इनमें से ज्यादातर बिल जीएसटी के साथ ही विभाग के सुपुर्द किए गए हैं। इन बिलों पर डब्ल्यू और एक्स फार्म का जिक्र नहीं है। अब इन दोनों फार्म और खरीद-फरोख्त का स्रोत बताने को अनिवार्य कर दिया है। इसके साथ ही यह तमाम बिल अब बिना भुगतान के रह सकते हैं।

ज्यादातर ठेकेदार पूर्व में अधिनियम 2015 का उल्लंघन करते रहे हैं और उन्होंने जीएसटी के साथ बिल प्रस्तुत किए हैं। अब जीएसटी के साथ बिल पास होने के लिए डब्ल्यू और एक्स फार्म को अनिवार्य किया गया है और एक कमेटी इन सभी बिलों की जांच करेगी। ऐसे में उन पुराने बिलों, जिनमें जीएसटी नहीं है, उनकी जांच की जाएगी और जांच में जीएसटी के साथ बिल पाए जाते हैं, तो उन्हें पास नहीं किया जाएगा। ऐसे में नाबार्ड के बिल फंसने के साथ ही इसका असर नए कार्यों पर भी आने वाले दिनों में देखने को मिलेगा। लोक निर्माण विभाग के प्रधान सचिव सुभाशीष पांडा का कहना है कि हाई कोर्ट के आदेश के बाद मामले की जांच के लिए कमेटी का गठन किया जा रहा है।

पीडब्ल्यूडी ठेकेदार नहीं करेंगे काम

लोक निर्माण विभाग ठेकेदार वेलफेयर एसोसिएशन ने कहा है कि प्रदेश सरकार ने ठेकेदारों की समस्याओं को गंभीरता से नहीं लिया। ठेकेदार एसोसिएशन के अध्यक्ष भूपेंद्र नरवाल, मुख्य सलाहकार राजेश शर्मा और महासचिव रजित कोहली ने बताया कि क्रशर मालिक उन्हें एम फार्म देने से इंकार करते हैं। मजबूरी में उन्हें बिना एम फार्म के ही रेत और बजरी उठानी पड़ रही है और अब विभाग भी उनके बिलों को पास करने से इनकार कर रहा है। विरोध के रूप में शिमला के ठेकेदारों ने लोक निर्माण विभाग और स्मार्ट सिटी में चल रहे तमाम कार्यों को शनिवार से बंद करने का फैसला किया है। इसके लिए कमेटी का भी गठन किया गया है।