Bottling Plant: जोगिंद्रनगर में बॉटलिंग प्लांट का लाइसेंस रद्द, अधिकारी सस्पेंड

आबकारी विभाग ने प्रदेश भर में छेड़ा दबिश अभियान

प्रदेश भर में पकड़े अनियमितताओं के नौ मामले

विशेष संवाददाता — शिमला

जहरीली शराब से सात लोगों की मौत के बाद जागते हुए आबकारी विभाग ने प्रदेश भर में ताबड़तोड़ दबिश अभियान शुरू किया है, जिसमें अनियमितताओं के मामले सामने आ रहे हैं। सोमवार को विभाग ने मंडी जिला में एक और शराब फैक्टरी का लाइसेंस रद्द किया है और यहां तैनात अधिकारी को निलंबित कर दिया है। मंडी जिला के जोगेंद्रनगर स्थित गलू में बॉटलिंग प्लांट पर यह कार्रवाई हुई है। सोमवार को बॉटलिंग प्लांट के निदेशक का पक्ष सुनने के बाद आयुक्त राज्य आबकारी एवं कराधान विभाग ने लाइसेंस को निलंबित कर दिया। इसके साथ संबंधित अधिकारी पर भी कार्रवाई की गाज गिरी है और उन्हें निलंबित किया गया है। विभाग की टीम ने प्रदेश भर में अलग-अलग जगह चल रहे बॉटलिंग प्लांट की जांच की है।

इस जांच में अनियमितताओं के नौ मामले पकड़े गए हैं। इसमें सिरमौर जिला में बॉटलिंग प्लांट में स्प्रिट भंडारण से संबंधित अनियमितता पाए जाने के बाद प्लांट से 32.27 लाख रुपए जुर्माना वसूला गया है, जबकि सोलन में भी लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। एक अन्य मामले में सिरमौर में चल रहे बॉटलिंग प्लांट का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है, जबकि प्लांट संचालक को रिकवरी के लिए नोटिस भेजा गया है। आयुक्त राज्य आबकारी एवं कराधान विभाग ने इन मामलों की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि यह कार्रवाई आने वाले दिनों में भी जारी रहेगी।

शराब के थोक विक्रेताओं पर 8.62 करोड़ जुर्माना

आबकारी एवं कराधान विभाग ने दबिश का अभियान खुदरा और थोक मूल्य की दुकानों पर भी छेड़ा है। इस अभियान के दौरान प्रदेश भर में 151 मामले पकड़े गए हैं। इनमें कांगड़ा जिला में शराब के थोक विक्रेताओं के दो मामले पकड़े गए हैं। इसके अलावा ऊना और बिलासपुर जिला में भी एक-एक मामला पकड़ा गया है। विभाग ने इन मामलों में 8.62 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है, जबकि तीन के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं। थोक विक्रेता के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर भी दर्ज की है।