एसएमसी-टीजीटी पदनाम पर हलचल शुरू, मुख्य सचिव ने दोनों शिक्षा निदेशकों के साथ की बैठक

दिव्य हिमाचल ब्यूरो – शिमला

राज्य में एसएमसी टीचर्स को लेकर सरकार आगे क्या फैसला लेती है, इसको लेकर हलचल शुरू हो गई है। एलटी और शास्त्री अध्यापकों को टीजीटी का पदनाम देने के लिए भी फैसला जल्द होगा। ये दोनों मामले राज्य सरकार ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली हाई पॉवर कमेटी को सौंप रखे हैं। मुख्य सचिव रामसुभग सिंह इस बारे में अभी समय नहीं दे पाए थे, लेकिन अब उन्होंने इस इन मामलों को देखना शुरू कर दिया है। हाल ही में दोनों शिक्षा निदेशकों के साथ इस बारे में उनकी बैठक हुई। इसमें उच्च शिक्षा निदेशक डा. अमरजीत शर्मा और एलीमेंट्री शिक्षा निदेशक पंकज ललित शामिल हुए। नई बात यह थी कि निवर्तमान शिक्षा सचिव राजीव शर्मा को भी फीडबैक देने के लिए बुलाया गया। वर्तमान शिक्षा सचिव रजनीश कोरोना पॉजिटिव होने के कारण आइसोलेशन में हैं।

मुख्य सचिव ने यह बैठक इन मामलों में फैसला लेने से पहले की जाने वाली तैयारी और डॉक्यूमेंटेशन को लेकर की थी। इसके बाद फाइनांस विधि और कार्मिक विभागों से भी फीडबैक लिया जाएगा और फिर अंतिम फैसला लेने के लिए हाई पावर कमेटी की दोबारा बैठक होगी। गौरतलब है कि राज्य में ऐसी टीचर रेगुलर पॉलिसी की मांग कर रहे हैं। इन्हें नौकरी से हटाने का खतरा हो गया था, लेकिन वे सुप्रीम कोर्ट से मिले। इसके कारण उनकी नौकरी बची हुई है। अभी राज्य सरकार ने 31 मार्च, 2022 तक उन्हें एक्सटेंशन दे रखी है। उससे पहले एसएमसी टीचर्स के लिए पॉलिसी पर फैसला होना जरूरी है। इसी तरह से राज्य में लैंग्वेज टीचर और शास्त्री खुद को पदनाम मांग रहे हैं। वर्तमान में यह क्लासिकल एवं वर्नाकुलर में आते हैं, लेकिन टीजीटी में इनको बदलने के बाद कुछ वित्तीय असर भी होगा। इसीलिए संबंधित विभागों से इस बारे में राय लेना जरूरी है। इतना तय है कि अब मुख्य सचिव इस बारे में जल्द बैठक कर सकते हैं।