महिला क्रिकेट में आएगा और निखार, मिताली ने टीम में किया खेल मनोवैज्ञानिक का स्वागत

वेलिंग्टन। भारतीय वनडे टीम की कप्तान मिताली राज ने एक मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ कोच के साथ यात्रा करने के महत्व पर ज़ोर दिया है। उन्होंने कहा है कि ख़ासकर महामारी के दौरान जब क्वारंटीन और बायो-बबल खेल का हिस्सा बन चुके हैं, तब एक ऐसे व्यक्ति का टीम में होना बहुत ही आवश्यक है।

क्रिकइन्फो को पता चला है कि मुंबई की खेल मनोवैज्ञानिक डा. मुग्धा बावरे, जो पहले मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन और बंगाल रणजी टीम के साथ काम कर चुकी हैं, वर्तमान में महिला टीम के साथ न्यूज़ीलैंड में हैं। भारत चार मार्च से शुरू होने वाले वनडे विश्व कप से पहले एक टी-20 और पांच वनडे मैच खेलने के लिए तैयार है, जिसका अर्थ है कि टीम को घर से लगभग दो महीने दूर रहना पड़ेगा।

मिताली को लगता है कि जहां हर खिलाड़ी के पास खेल के दबावों से निपटने के अपने तरीक़े होते हैं, वहीं एक पेशेवर व्यक्ति का टीम में होना, खिलाडिय़ों को व्यक्तिगत रूप से दबाव से निपटने में मदद कर सकता है। राज ने टी-20 मैच से पहले कहा कि मुझे लगता है कि हर व्यक्ति का दबाव झेलने, दबाव से बाहर आने और अपना सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट खेलने का अपना एक अलग तरीक़ा होता है।

इस समय टीम के साथ यात्रा करने वाले एक खेल मनोवैज्ञानिक के होने से टीम को काफ़ी लाभ मिल रहा है। वह खिलाडिय़ों के साथ अकेले में बात करती हैं, ताकि उन्हें यह समझने के लिए और अधिक समय मिल सके कि वे दबाव से कैसे निपटें और ऐसे तरीके खोजें जिससे वे अपना सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट खेल सकें। मिताली ने कहा कि आज के समय में यह और भी महत्वपूर्ण और मददगार है कि लंबे समय तक क्वारंटीन और बायो-बबल वाली परिस्थिति में एक मनोवैज्ञानिक डॉक्टर टीम के साथ यात्रा करें। इससे पहले कि हम सीधे विश्व कप में उतरें, हमारे पास एक सीरीज़ है और हम लगभग दो महीने तक यहां रहने वाले हैं।

मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ के साथ जब हम एकांत में बात करते हैं तो हम कई चीज़ों को बहुत अलग परिप्रेक्ष्य में देखते हैं और यह स्पष्ट रूप से आपको अपने लिए तरीके खोजने के लिए और साथ ही स्वयं को समझने में मदद करता है।