मान्यता में फंसी एनटीटी की भर्ती, प्रारंभिक शिक्षा विभाग को एनसीटीई दिल्ली से नहीं मिला डाटा

राज्य ब्यूरो प्रमुख — शिमला

हिमाचल के सरकारी स्कूलों में प्री-नर्सरी की कक्षाओं में 30000 से ज्यादा बच्चे और 4787 टीचर रखने की भारत सरकार से मंजूरी होने के बावजूद हिमाचल सरकार नई नौकरियां नहीं दे पा रही है। अब एनटीटी कोर्स करवाने वाले संस्थानों की रिकॉग्निशन के कारण मामला फंस गया है। राज्य का शिक्षा विभाग कहता है कि प्री नर्सरी टीचर की नियुक्ति के लिए एनसीटीई द्वारा निर्धारित नियमों में रिकॉग्निशन या मान्यता वाले संस्थानों से ही एनटीटी टीचर भरे जा सकते हैं। हिमाचल में एनटीटी का कोर्स कई साल पहले बंद हो गया है और 2004 से पहले हिमाचल में यह कोर्स मौजूद ही नहीं था। दूसरी तरफ स्थिति ऐसी है कि समग्र शिक्षा अभियान के प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड से राज्य में 4787 प्री नर्सरी टीचर भर्ती करने की मंजूरी मिल गई है और इसका बजट भी उपलब्ध है, लेकिन भर्ती के लिए जो ड्राफ्ट पॉलिसी बन रही थी, वह फाइनल नहीं हो रही। प्रारंभिक शिक्षा विभाग के निदेशक डा. पंकज ललित ने बताया कि यह ड्राफ्ट विभाग के विचाराधीन है, लेकिन एनसीटीई से इस बारे में कोई भी डाटा नहीं आया है।

शिक्षा सचिव रजनीश ने भी बताया कि एनसीटीई की गाइड लाइन में ही रिकॉग्नाइज्ड संस्थानों से ही भर्ती करने का प्रावधान किया गया है, इसलिए यह पता करना जरूरी है कि एनटीटी कोर्स करने वाले संस्थानों के पास मान्यता थी या नहीं? बिना मान्यता वाले संस्थानों से सरकार भर्ती नहीं कर सकती। इसलिए अभी यह कहना मुश्किल है कि इस भर्ती में और कितना वक्त लगेगा। प्रारंभिक शिक्षा निदेशक डा पंकज ललित ने बताया कि इंटर डिस्ट्रिक्ट मामले में फंसे टीचर्स को लेकर कार्मिक विभाग से नोटिफिकेशन आ गई है। इसके विष्लेशण के बाद इस बारे में उपनिदेशकों को दिशा निर्देश भेजे जा रहे हैं।