चार साल की सैन्य सेवा योजना तर्क से परे

सरकार की अग्निवीर के तहत 4 साल की अवधि के लिए युवाओं को सेना में सेवा देने का अवसर देने की योजना किसी के गले से नीचे उतरना मुश्किल लगता है। ऐसा लगना स्वाभाविक है कि सरकार सेना में पेंशन खर्च को कम करने की मंशा से इस योजना को लेकर आई होगी। अग्निवीरों को 4 साल के बाद बेरोजगार होने पर फिर से नौकरी की तलाश करनी पडे़गी। सेना के नियमित जवानों और अग्निवीरों में असमानताएं पैदा हो सकती हैं। रिटायरमेंट के बाद सुरक्षाबलों में भर्ती में प्राथमिकता देने की बात लॉलीपॉप थमाने जैसी लगती है और जो बेरोजगार पहले से ही कतार में खडे़ होंगे, उनके भविष्य का क्या होगा? सरकार से अपेक्षा की जानी चाहिए कि वह इस योजना पर दोबारा से गौर करे। मेरे विचार में वर्तमान सिस्टम को बनाए रखने में ही समझदारी होगी। 

-रूप सिंह नेगी, सोलन