मोदी सरकार के आठ साल में मिली महंगाई

सीपीएम ने शिमला रैली को बताया निराशाजनक, वादे पूरे करने में नाकाम

स्टाफ रिपोर्टर-शिमला
शिमला में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के आठ वर्ष का कार्यकाल पूर्ण होने पर की गई रैली को सीपीएम ने निराशाजनक करार दिया है। सीपीएम राज्य सचिव मंडल सदस्य एवं नगर निगम के पूर्व मेयर संजय चौहान ने बताया कि इस दौरे से देश व प्रदेश की जनता की जनता को निराशा ही हाथ लगी है, क्योंकि उसमें प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा देश व प्रदेश के लिए कोई भी नई परियोजना की घोषणा नहीं की गई है। आज तक जो भी मोदी सरकार के द्वारा वादे व घोषणाएं की गई है, उन्हें भी पूर्ण नहीं किया गया है।

उन्होंने कहा कि यदि अतीत में झांके तो 2014 में 8 वर्ष पूर्व बीजेपी ने वादा किया था कि यदि वह सत्ता में आती है तो 100 दिन में महंगाई कम करेगी, हर वर्ष दो करोड़ रोजगार के अवसर सृजित करेगी, कृषि संकट को दूर करने के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करेगी तथा प्रत्येक फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य के दायरे में लाएगी, सेब पर आयात शुल्क 100 प्रतिशत किया जाएगा और इसके अतिरिक्त देशवासियों को कई प्रकार के सपने दिखाए गए थे, लेकिन मोदी सरकार के 8 वर्ष के कार्यकाल में महंगाई, बेरोजगारी व कृषि का संकट चरम पर है। मोदी सरकार के द्वारा लागू की जा रही नवउदारवादी नीतियों के चलते देश मे महंगाई की दर कई दशकों में सबसे अधिक है, रोजगार समाप्त किया जा रहा है, कृषि क्षेत्र में सरकार द्वारा सब्सिडी कम करने से किसान कि लागत कीमत में कई गुना वृद्धि हो गई है और उसको उसके उत्पाद का उचित मूल्य नही मिल रहा है। इससे कृषि का संकट और अधिक बड़ा है। पूंजीपतियों को फायदा देने के लिए श्रम कानूनों में बदलाव कर मजदूरों के अधिकारों पर हमला किया जा रहा है और उनका शोषण बड़ा है। देश के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को चेहते कॉरपोरेट घरानों को कौडिय़ों के भाव मे बेचा जा रहा है। इन नीतियों के कारण देश में अमीर और अमीर व गरीब और गरीब हो रहा है और एक और देश मे अरबपतियों की संख्या बढ़ रही है।