जंगलों की आग से जहर बनी प्रदेश की हवा

शिमला का इंडेक्स ऊना-परवाणू से भी खराब, सेहत पर पड़ेगा असर
रोहित शर्मा — शिमला
हिमाचल प्रदेश में जंगलों की आग के कारण हवा दूषित हो रही है। प्रदेश के कई शहरों में एयर क्वलिटी इंडेक्स 100 माइक्रो से अधिक है। आलम यह है कि शिमला की हवा परवाणू व ऊना से भी ज्यादा खराब है। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी एयर क्वालिटी इंडेक्स मुताबिक शिमला का एयर क्वालिटी इंडेक्स 83 माइक्रो ग्राम हैं, जबकि ऊना का एयर क्वालिटी इंडेक्स 60 माइक्रोग्राम है। वहीं परवाणू का एयर क्वालिटी इंडेक्स 68 माइक्रोग्राम है। हिमाचल में लंबे ड्राइ स्पेल के कारण जंगल आग की भेंट चढ़ रहे हैं। इसी तरह समर टूरिस्ट सीजन पीक पर होने से प्रदेश के विभिन्न पर्यटन स्थलों पर भारी संख्या में सैलानियों के वाहन पहुंचने से हवा की गुणवत्ता पर असर पड़ रहा है। औद्योगिक क्षेत्र बद्दी का एयर क्वालिटी इंडेक्स सबसे ज्यादा 163 माइक्रो ग्राम रिकार्ड किया गया।

डामटाल का एयरक्वालिटी इंडेक्स 103 माइक्रो ग्राम, बरोटीवाला 119 माइक्रो ग्राम, नालागढ़ 103 माइक्रो ग्राम, कालाअंब का 135 माइक्रो ग्राम और पांवटा साहिब का 139 माइक्रो ग्राम एक्यूआई चल रहा है। बद्दी का 180 माइक्रो ग्राम तक भी पहुंच रहा है। कार्बन क्रेडिट स्टेट हिमाचल में एयर क्वालिटी इंडेक्स का बढऩा अच्छा संकेत नहीं है। एयर क्वालिटी इंडेक्स हवा में मौजूद जहरीले कणों को मापने का जरिया है। इसके 100 माइक्रो ग्राम से अधिक होने से इनसान के फेफड़ों पर दुष्प्रभाव पडऩे लगता है। वायुमंडल में घुलने वाली जहरीली हवाएं सांस के साथ गले, श्वास नली और फेफड़ों तक पहुंच सकती हैं। इससे अस्थमा व श्वास रोगों की शुरुआत होने का भय रहता है। धूल के कारण चर्म रोग और आंखों में जलन भी होती है। कोरोना मरीजों को एक्यूआई का खराब होना अच्छा संकेत नहीं है। सप्ताह पहले एक्टिव केस 41 रह गए थे। अब कोरोना मामले बढ़कर 142 हो गए हैं। (एचडीएम)

सुंदरनगर की एयर क्वालिटी बेहतर

प्रदेश में इन दिनों सुंदरनगर की एयर क्ववालिटी सबसे बेहतर है। यहां 48 माइक्रो ग्राम दर्ज किया गया है। शिमला का 83 माइक्रो ग्राम, धर्मशाला का 81, ऊना का 60, परवाणू का 68 माइक्रो ग्राम रिकार्ड किया गया है।