डाइंग कैडर में 600 से रह गए 148 पद; भर्ती में नया मोड़ आने पर आश्रितों में गुस्सा, मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

करुणामूलकों की भर्ती में नया मोड़ आने पर आश्रितों में गुस्सा, मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

विशेष संवाददाता-शिमला

जलशक्ति विभाग में करुणामूलकों की भर्ती न होने से नाराज आश्रितों ने सीधे मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। करुणामूलक आश्रितों का कहना है कि विभाग में उनकी भर्ती नहीं हो रही है। चतुर्थ श्रेणी पदों के लिए जिन आश्रितों ने आवेदन किया है वे सभी भर्ती का इंतजार कर रहे हैं। दरअसल, जलशक्ति विभाग में बेलदारों के डाइंग कैडर को लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं हो पाया है। विभाग में 380 करुणामूलकों ने आवेदन किए हैं और यहां पूर्व में करीब 600 बेलदारों के पद थे, जिन्हें विभाग ने डाइंग कैडर में डाल दिया था, लेकिन बीते दिनों हुई कैबिनेट की बैठक में 452 बेलदारों के पदों को पंप ऑपरेटर में बदलने और नई भर्ती का फैसला लिया गया है। ऐसे में जिन 600 डाइंग कैडर के पदों का इंतजार करुणामूलक कर रहे थे उनमें से 452 पद सीधे बाहर हो गए हैं। अब विभाग के पास 148 पद बाकी बचे हैं जबकि करुणामूलकों की संख्या 380 है।

ऐसे में आश्रितों को उनकी भर्ती को लेकर चिंता सताने लगी है। करुणामूलक संघ के प्रदेशाध्यक्ष अजय कुमार का कहना है कि तृतीय और चतुर्थ श्रेणी में बहुत से पद फंसे हुए हैं। करुणामूलकों की उम्मीद लगातार टूट रही है। खासतौर पर तृतीय श्रेणी के आवेदक जगह-जगह धूल फांकने को मजबूर हैं और उनके संबंध में कोई निर्णय नहीं हो पा रहा है। उन्होंने बताया कि जलशक्ति विभाग में 452 डाइंग कैडर के पद सीधे पंप ऑपरेटरों को दे दिए गए हैं इससे सीधा नुकसान करुणामूलकों को उठाना पड़ रहा है। विभाग को इस संबंध में जल्द निर्णय लेना होगा।

31 तक मांगें हैं आवेदन

प्रदेश सरकार ने करुणामूलक आश्रितों के लिए दोबारा भर्ती की प्रक्रिया शुरू की है। इसमें 31 अगस्त तक विभागों में आश्रित आवेदन कर सकते हैं। जिन विभागों में चतुर्थ श्रेणी के लिए करुणामूलक आश्रितों के पद खाली हैं वे तैनाती कर पाएंगे। इस संबंध में प्रदेश सरकार ने अधिसूचना जारी की है। इससे पूर्व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए भर्ती प्रक्रिया 24 जनवरी से 15 अप्रैल तक तय थी।