30 शारीरिक शिक्षक चैस के मास्टर्स

प्रदेश भर में टे्रनर्ज अपने-अपने जिला में खिलाडिय़ों को शतरंज का देंगे पशिक्षण

अजय रांगड़ा — मंडी

हिमाचल प्रदेश सरकार व शिक्षा विभाग ने प्रदेश के 30 शारीरिक शिक्षक को शतरंज गेम में मास्टर्स ट्रैनर तैयार किए हंै। अब मास्टर्स ट्रैनर अपने-अपने जिला के अन्य शिक्षकों को शतरंज सहित अन्य गेम के लिए ट्रेनिंग देकर परिपक्व करेंगे। ताकि स्कूली खेलकूद प्रतियोगिता में शामिल शतरंज गेम में प्रतिभागियों के साथ-साथ शारीरिक शिक्षकों को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े। बता दें कि हिमाचल प्रदेश सरकार व शिक्षा विभाग द्वारा वर्ष 2018 में अंडर-14 स्कूली खेलों में शतरंज प्रेमियों के सहयोग से सफलतापूर्वक शामिल किया गया है। वहीं वर्ष 2019 से प्राईमरी स्तर पर सफलतापूर्वक पहुंचा। वर्ष 2019 में हमीरपुर के राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में अंडर-19 खेलों में शतरंज खेल बतौर ट्रायल शामिल किया गया था। उस समय प्रदेश के 11 जिलों से 100 से अधिक खिलाडिय़ों ने शिरकत करके इस खेल को विधिवत रूप से शामिल करने के दरवाजे खोल दिए, लेकिन कोरोना काल के दौरान कोई भी स्पर्धाएं आयोजित नहीं हो पाई। इस वर्ष स्कूली खेलकूद स्पर्धा में शामिल शतरंज गेम में बच्चों की काफी रोचकता बढ़ रही है।

जिसके चलते मंडी जिला से अंडर-19 जोनल स्तरीय स्पर्धा में करीब 1072 शतरंज खिलाड़ी भाग ले चुके हैं। शतरंज गेम सहित अन्य गेम में शारीरिक शिक्षकों को परिपक्व करने के लिए शिक्षा विभाग ने हाल ही में तीन चरणों में प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया है। इस बारे में प्रदेश हैडक्वाटर (एडीपीईओ) संतोष चौहान ने बातया कि प्रदेश के गावों में बहुत प्रतिभा छुपी है, यदि इन्हें सही ढंग से तराशा व खिलाया जाए तो वे आगे चलकर निश्चित रूप से प्रदेश का नाम विश्व पटल पर अवश्य रोशन करेंगे। उन्होंने बताया कि वर्ष 1986 के 36 बाद पहली बार अंडर-19 प्रशिक्षकों का तीन चरणों ऊना, शिमला व बिलासपुर में प्रशिक्षण दिया गया। शिमला में आयोजित प्रशिक्षण शिविर में प्रदेश के 225 शारीरिक शिक्षकों ने भाग लिया है। शतरंज कन्वीनर दलीप सिंह ठाकुर ने बताया कि इस शतरंज रिफ्रेशर में प्रदेश के 29 शिक्षकों ने विभिन्न जिलों से भाग लिया।

इस प्रशिक्षण शिविर को राज कुमार शर्मा व हंस राज ठाकुर (सीनियर नेशनल आर्बिटर) के सहयोग से सफलतापूर्वक आयोजित किया गया। इस बारे में उच्च शिक्षा निदेशक डा. अमरजीत सिंह ने कहा कि प्रदेश के स्कूलों में ही खेल प्रतिभाएं जानी व पहचानी जाएगी। इसी दिशा में प्रदेश के स्कूली खेल प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। हर स्कूल में खेल से स्वास्थ्य कायज़्क्रम को लागू किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश अंडर-19 खेलों में शतरंज ब्लॉक स्तर पर व्यक्तिगत खेल के रूप में व जिला तथा राज्य स्तर पर टीम इवेंट के रूप में आयोजित होगा। बहुत जल्द इस दिशा में एडवाइजरी जारी कर दी जाएगी।