आतंकवादी का महिमामंडन क्यों?

याकूब मेमन की कब्रगाह को इतना सजाया गया जैसे कि न जाने किसी महान शख्सियत की कब्रगाह हो। वह एक ऐसा आतंकवादी था, जो 1993 के मुंबई हमलों का दोषी था और उसे देशद्रोह के मामले में फांसी दी गई थी। उसका महिमामंडन कहां तक उचित है। मुंबई हमलों में लगभग 257 निर्दोष लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 700 लोग घायल हो गए थे। आतंकवादियों का न तो कोई मज़हब होता, न कोई धर्म। ये तो केवल मानवता के दुश्मन हैं। इन आतंकवादियों का नाम लेना भी पाप है। कोई भी राजनीतिक दल यदि ऐसे आतंकवादियों का हिमायती बनता है तो यह देश के लिए बहुत अधिक खतरनाक साबित होगा। याकूब मेमन के महिमामंडन के पीछे कौनसी शक्तियां हैं, उन्हें पहचानकर दंडित किया जाना चाहिए।

-नरेंद्र कुमार शर्मा, भुजड़ू, मंडी