हिमाचल के 223 करोड़ के सड़क प्रोजेक्ट मंजूर, आखिरी ओवरों में सरकार का बड़ा शॉट

 ग्रामीण क्षेत्रों मेें बनेंगी 40 सडक़ें, चार पुलों का होगा निर्माण

प्रदेश सरकार उठाएगी कुल खर्च का 10 फीसदी हिस्सा
90 फीसदी ऋण के तौर पर नाबार्ड के माध्यम से होगा खर्च

राकेश शर्मा — शिमला
सत्ता की पिच पर आखिरी ओवर में केंद्र सरकार ने बड़ा शॉट खेला है। केंद्र से करीब 223 करोड़ रुपए की आर्थिक मदद हिमाचल के हिस्से आई है और इस रकम से अब प्रदेश में 44 बड़े प्रोजेक्ट शुरू होने वाले हैं। लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता अजय गुप्ता ने बताया कि इनमें से 40 सडक़ों का निर्माण होना है, जबकि चार पुल बनाए जाने हैं। इस समूचे बजट का 90 फीसदी हिस्सा ऋण के माध्यम से प्रदेश के खाते में आएगा, जबकि 10 फीसदी हिस्सा राज्य सरकार को खर्च करना होगा। फिलहाल, लोक निर्माण विभाग ने नाबार्ड के तहत मंजूरी के लिए इन प्रोजेक्ट को भेजा था। अप्रैल महीने में लोक निर्माण विभाग ने डीपीआर तैयार कर राज्य सरकार को भेजी थी और इसके बाद इसे केंद्र को भेजा गया। नाबार्ड ने केंद्र और राज्य की संतुति के आधार पर इस प्रोजेक्ट को मंजूर कर लिया है।

राज्य सरकार को महज 22.31 करोड़ रुपए के खर्च में 40 सडक़ें और चार पुल मिलने वाले हैं। इस रकम को दूसरा हिस्सा, जो करीब 222.78 करोड़ रुपए है, केंद्र सरकार ऋण के माध्यम से उपलब्ध करवाएगी। हालांकि बड़ी बात यह भी है कि इन प्रोजेक्टों को मंजूरी के बावजूद काम शुरू होने में देरी की संभावना बनी हुई है। दरअसल, ये प्रोजेक्ट आदर्श आचार संहिता के दायरे में आ रहे हैं। प्रोजेक्ट की मंजूरी के बाद करीब एक महीना इसकी औपचारिकताओं को पूरा करने में लग जाता है। ऐसे में नवंबर महीने तक सभी औपचारिकताएं पूरी होने की संभावना थी, लेकिन इस बार अक्तूबर के मध्य तक आचार संहिता लागू होने की संभावना है और ऐसे में मंजूरी के बावजूद लोक निर्माण विभाग इस प्रोजेक्ट से जुड़ी सडक़ों या पुलों के टेंडर नहीं कर पाएगा। राहत की बात यही है कि मंजूर बजट को औपचारिकता पूरी होने तक प्रदेश में रोका जा सकेगा। यह बजट स्थिर रहेगा और आदर्श आचार संहिता हटने के बाद यानी नई सरकार के गठन होते ही पहले बड़े प्रोजेक्ट के तौर पर सरकार इन सडक़ों का शिलान्यास अभियान छेड़ पाएगी। जिन सडक़ों को इस प्रोजेक्ट में मंजूरी मिली है, वे सभी ग्रामीण क्षेत्रों की हैं और इन्हें नाबार्ड के तहत पूरा किया जाना है। इससे उन क्षेत्रों को बड़ा लाभ होने वाला है, जो अभी तक सडक़ों से दूर थे। इसके साथ ही जिन चार पुलों को मंजूरी मिली है, उनसे भी ग्रामीण क्षेत्रों में लोग सडक़ मार्ग से सीधे तौर पर जुड़ पाएंगे। (एचडीएम)