हजारों पूर्व फौजियों की पेंशन रुकी; बिना किसी सूचना शुरू कर दिया स्पर्श पोर्टल, इधर-उधर भटक रहे पेंशनर

मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस ने बिना किसी सूचना शुरू कर दिया स्पर्श पोर्टल, इधर-उधर भटक रहे पेंशनर

राकेश सूद — पालमपुर

इस महीने आर्मी के हजारों डिफेंस पेंशनरों के बैंक खातों में पेंशन न आने के कारण हाहाकार मचा हुआ है। बता दें कि मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस ने पेंशनरों के लिए चुपचाप नया पोर्टल स्पर्श शुरू कर दिया। डीपीडीओ से मिल रही पेंशन को वहां शिफ्ट कर दिया और बिना किसी तैयारी के शुरू हुई इस कार्रवाई के कारण हजारों पूर्व फौजियों की पेंशन रुक गई है। स्पर्श पोर्टल के बारे में पूर्व सैनिकों को पूरी जानकारी के अभाव के चलते इधर-उधर भटकने पर मजबूर होना पड़ रहा है। पेंशनरों का कहना है कि इस बारे में न तो संबंधित बैंक, न ही लोकमित्र केंद्र व न ही स्टेशन हैडक्वार्टर से उन्हें पूरी जानकारी उपलब्ध हो रही है। इस समस्या के निवारण के लिए भारी संख्या में लोग डीपीडीओ पालमपुर के कार्यालय में पहुंच रहे हैं। स्पर्श पोर्टल के अंतर्गत देश भर के अब माइग्रेट हुए 17 लाख 10 हज़ार 324 पेंशनर्स को पीसीडीए इलाहाबाद से सीधी पेंशन बैंक खातों में आएगी।

हालांकि डीपीडीओ पालमपुर कार्यालय में मौजूद कर्मचारियों ने बताया कि नए स्पर्श पोर्टल की वर्किंग चल रही है। दो या तीन दिनों में सभी पेंशनर्स के खाते में उनकी पेंशन पहुंच जाएगी। स्पर्श पोर्टल के माध्यम से हर पेंशनर्स को मोबाइल मैसेज के जरिए यूजर आईडी एवं पासवर्ड भी मिलेगा। पेंशनर को पेंशन पेमेंट ऑर्डर, पेन कार्ड, आधार कार्ड की कापी तथा साल में एक बार लाइफ सर्टिफिकेट ऑनलाइन उपलब्ध कराना पड़ेगा। लाइफ सर्टिफिकेट देने के लिए अब पेंशनर को डीपीडीओ कार्यालय नहीं जाना पड़ेगा। पालमपुर डीपीडीओ ओम प्रकाश ने बताया कि स्पर्श पोर्टल की वर्किंग चल रही है तथा कुछ दिनों में सभी पेंशनरों के बैंक खाते में पीसीडीए इलाहाबाद से सीधी पेंशन पहुंच जाएगी। (एचडीएम)

गुलेरिया बोले, पेंशन रोकने का क्या औचित्य

पालमपुर सैनिक लीग के अध्यक्ष सीडी सिंह गुलेरिया ने मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस से गुहार लगाई है। आर्मी के पेंशनरों की मासिक पेंशन जल्द उनके खातों में डाली जाए, ताकि उन्हें इधर-उधर भटकने पर मजबूर न होना पड़े। उन्होंने निराशा जताई कि बिना किसी पूर्व सूचना के यह कार्रवाई शुरू हो गई। अगर कार्रवाई शुरू भी की गई, तो पेंशन रोकने का क्या औचित्य है। श्री गुलेरिया ने कहा कि चुनावी माह में ऐसी लापरवाही का खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ सकता है।