शास्त्री जी की सादगी…

दो अक्तूबर को लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती है। शास्त्री जी ने देश की आजादी के लिए महत्वपूर्ण भूमिका तो निभाई ही थी, साथ ही देश के एक कुशल प्रधानमंत्री और मंत्री भी थे। लाल बहादुर शास्त्री जी का बचपन गरीबी में बीता था, इसलिए वो स्कूल जाने के लिए नदी पार करने के लिए नाव का सहारा नहीं लेते थे, बल्कि वो नदी तैर कर स्कूल पहुंचते थे। जिन्होंने बचपन में गरीबी देखी हो, उनमें से कुछ जिंदगी भर कभी भी दिखावा नहीं करते हैं, वो साधारण जिंदगी जीते हैं। लाल बहादुर शास्त्री जी भी ऐसे ही थे। इनका यह उदाहरण सिद्ध करता है कि वो कितने साधारण जिंदगी जीते थे। जब वह रेल मंत्री थे, उसी समय अरियालूर रेल दुर्घटना हुई जिसमें लगभग 114 लोग मारे गए थे। उन्होंने इस दुर्घटना से दुखी होकर नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपना इस्तीफा दे दिया था।

-राजेश कुमार चौहान, सुजानपुर टीहरा