अब इसरो करेगा पृथ्वी की निगरानी; ईओएस-06 उपग्रह का सफल प्रक्षेपण, आठ नैनो उपग्रह भी अंतरिक्ष में भेजे

एजेंसियां — श्रीहरिकोटा
भारत के ताकतवर प्रक्षेपण वाहन पीएसएलवी-सी54 ने शनिवार को 1117 किलोग्राम वजनी ओसियनसेट सीरीज के पृथ्वी की निगरानी करने वाले उपग्रह (अर्थ ओब्जर्वेशन सेटेलाइट) ईओएस -06 को उसकी वांछित कक्षा में सफलतापूर्वक प्रक्षेपित कर दिया। इससे पूर्व पीएसएलवी एक्सएल संस्करण के इस 44 मीटर लंबे अंतरिक्ष वाहन ने 24 घंटे की उलटी गिनती सफलतापूर्वक पूरी और उसके बाद प्रथम लांच पैड से शानदार ढंग से 11 बजकर 56 मिनट पर अपनी 56वीं उड़ान भरी। इससे आसमान में नारंगी धुआं भर गया और इसकी गर्जना ने पृथ्वी को हिला दिया।

यह अपने साथ ईओएस-06 के अलावा आठ नैनो उपग्रह लेकर गया। यह पूरा मिशन लगभग 8,200 सेकेंड (दो घंटे और 20 मिनट) तक चला। इस दौरान प्राथमिक उपग्रह और नैनो उपग्रहों को दो अलग-अलग सन सिक्रोनस पोलर ऑर्बिट््स (एसएसपीओ) में प्रक्षेपित किया गया। नैनो-उपग्रहों में चार एस्ट्रोकास्ट-2 उपग्रह हैं, ये अमरीका के हैं और इनका वजन 17.92 किलोग्राम है। दो थाइबोल्ट उपग्रह थाइबोल्ट-1 और थाइबोल्ट-2, ध्रुव अंतरिक्ष (1.45 किलोग्राम), आईएनएस-2 , भूटानसैट (18.28 किग्रा) और आनंद पिक्सेल (16.51 किलोग्राम) के हंै।

बड़े काम का है नया उपग्रह

ईओएस -06 ओसियनसेट सीरीज का तीसरी जेनरेशन का अर्थ ऑब्जर्वेशन सेटेलाइट है, जो समुद्र के विज्ञान और वायुमंडल की स्टडी करेगा। साथ ही यह पृथ्वी के मौसम का पूर्वानुमान भी लगा सकता है, जिससे देश में चक्रवात और तूफान जैसी आपदाओं से निपटने के लिए पहले से तैयारी की जा सकेगी।