न डाइट मनी बढ़ी और न ही अतिरिक्त वेतन, पुलिस जवानों की मांगें भी सरकार ने की नजरअंदाज

पुलिस जवानों की मांगें भी सरकार ने की नजरअंदाज, विधानसभा चुनाव में दिखेगा असर

अमन वर्मा-शिमला

प्रदेश के पुलिस जवानों की न ही डाइट मनी बढ़ी है और न ही अतिरिक्त वेतन बढ़ाया गया है। पुलिस जवानों को आज भी 24 घंटे सेवाएं देने के लिए दिया जा रहा है अतिरिक्त वेतन वर्ष 2012 के स्केल के हिसाब से दिया जा रहा है। ऐसे में पुलिस जवानों को 30 से 35 हजार रुपए का हर वर्ष वित्तीय नुकसान झेलना पड़ रहा है। इसके अलावा पुलिस जवानों को मिलने वाली डाइट मनी इतनी कम है कि डाइट मनी की राशि में चाय का कप तक नहीं लिया जा सकता है। प्रदेश के पुलिस जवानों को 210 रुपए प्रति माह के हिसाब से डाइट मनी दी जा रही है, जो प्रतिदिन के हिसाब से सात रुपए है। आज के समय में चाय का एक कप की कीमत भी बाजार में दस से 15 रुपए है। कुछ समय पहले पुलिस जवानों ने प्रदेश सरकार से वेतन विसंगति के साथ-साथ डाइट मनी की समस्या हल करने की मांग उठाई थी। इसके अलावा पुलिस जवानों ने अतिरिक्त वेतन को नए पे स्केल के हिसाब से देने की मांग उठाई थी, लेकिन प्रदेश सरकार ने पुलिस जवानों की दोनों मांगों को नजरअंदाज कर दिया।

ऐसे में विधानसभा चुनाव में डाइट मनी और पुलिस जवानों को मिलने अतिरिक्त वेतन चुनावी मुद्दा बन गया है। पुलिस जवानों की अनदेखी चुनाव में भारी पड़ सकती है। प्रदेश में आपात स्थितियों में 24 घंटे लोगों की सुरक्षा करने वाले पुलिस जवान को मात्र सात रुपए प्रतिदिन के हिसाब से डाइट मनी दी जा रही है। डाइट मनी और अतिरिक्त वेतन की समस्या हल करने को लेकर पुलिस जवानों ने ओक ओवर में मुख्यमंत्री से भी मुलकात की थी, लेकिन पुलिस जवानों की ओर बार-बार मांग करने के बाद भी पुलिस जवानों की मांगों की अनदेखी की गई। (एचडीएम)