फिर रिव्यू होगा वेतन आयोग; नई सरकार किसी भी पार्टी की बने, वेतन विसंगतियों की समीक्षा तय

हिमाचल में नई सरकार किसी भी पार्टी की बने, वेतन विसंगतियों की समीक्षा तय

राजेश मंढोत्रा — शिमला

हिमाचल में विधानसभा चुनाव का रुख मोड़ते रहे सरकारी कर्मचारियों को आठ दिसंबर के नतीजों का इंतजार है। नई सरकार जिस भी दल की आए, लेकिन लागू किए जा चुके वेतन आयोग का रिव्यू सबको करना होगा। जयराम सरकार ने 2016 से देय नए वेतन आयोग को तीन जनवरी, 2022 को जारी अधिसूचना के साथ लागू किया था। हिमाचल प्रदेश सिविल सर्विसेज रिवाइज्ड पे रूल्स-2022 के लागू होने के बाद इनमें कई खामियां सामने आई थीं। अपनी वित्तीय स्थिति के कारण जयराम सरकार ने न तो पूरी तरह से केंद्र सरकार का वेतन आयोग लागू किया, न ही पूरी तरह से पंजाब सरकार का। कर्मचारियों की उठती मांगों को देखते हुए फिर छह सितंबर, 2022 को इन रूल्स में संशोधन किया गया। संशोधन की वजह पिछले वेतन आयोग के समय लागू किए गए दो साल के राइडर के असर को कम करना था। पिछले वेतन आयोग में तब की सरकार ने व्यवस्था की थी कि पंजाब सरकार द्वारा दिए गए ओवर एंड अबव हायर ग्रेड-पे का लाभ दो साल की रेगुलर सेवा के बाद मिलेगा। इसी प्रावधान के कारण वेतन आयोग के नियमों में संशोधन करना पड़ा, लेकिन सितंबर में हुए इस संशोधन को भी विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से पहले पूरी तरह लागू नहीं किया जा सका। यही वजह है कि सरकारी कर्मचारियों में यह भाव है कि उन्हें वेतन आयोग का पूरा लाभ नहीं मिला।

राज्य में सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों की संख्या ज्यादा है और यह चुनाव को भी प्रभावित करते रहे हैं। वर्तमान में यह संख्या 4.25 लाख तक है। ऐसे में दोनों दलों ने सरकारी कर्मचारियों को लेकर अलग-अलग वादे किए हैं। भाजपा के घोषणा पत्र में वेतन विसंगतियों को दूर करने का वादा किया गया है। साथ ही पूरा महंगाई भत्ता देने के अलावा कर्मचारियों और पेंशनरों को कैशलेस मेडिकल सुविधा देने की बात भी की गई है। दूरदराज के क्षेत्रों में भत्ते बढ़ाने का वादा भी भाजपा ने किया है। इन विसंगतियों को तभी दूर किया जा सकेगा, जब पे-कमीशन का रिव्यू होगा। दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी ने भी अपने घोषणापत्र में वेतन विसंगतियां दूर करने और भत्तों में बढ़ोतरी का वादा किया है। कांग्रेस ने वेतन विसंगतियों को दूर करने के लिए कमेटी का गठन का ऐलान भी किया है। एरियर निर्धारित समय अवधि में देने का वादा भी कांग्रेस का है। कांग्रेस को भी यदि विसंगतियां दूर करनी हैं, तो वेतन आयोग की समीक्षा करनी होगी। इसलिए सरकार जिस भी दल की आए, इतना तय है कि जनवरी 2022 में लागू किया गया नया वेतन आयोग फिर से रिव्यू में जाएगा। (एचडीएम)

अनुबंध कर्मचारियों पर नए सिरे से होगा फैसला

अनुबंध कर्मचारियों को रेगुलर होने के दो साल के बाद हायर ग्रेड पे का लाभ देने को लेकर भी नए सिरे से ही फैसला होगा। जयराम सरकार आखिरी दिनों में इस फाइल को कंप्लीट नहीं कर पाई थी। जयराम सरकार की मंशा थी कि हायर ग्रेड-पे का लाभ अनुबंध कर्मचारियों को भी दिया जाए। इसकी वजह यह है कि छह सितंबर, 2022 को हुए पे-कमीशन संशोधन में तीन जनवरी, 2022 से पहले नियुक्त सभी स्थायी-अस्थायी कर्मचारियों को हायर ग्रेड-पे का लाभ देने का फैसला हुआ है। चूंकि अनुबंध कर्मचारी पे-कमीशन के दायरे में नहीं आते, इसलिए इन्हें लेकर अलग से कार्मिक विभाग की ओर से आर्डर होना था। चुनाव आचार संहिता में यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई।