जीएसटी को और तर्कसंगत बनाने की जरूरत…

वस्तु एवं सेवा कर अर्थात जीएसटी नवंबर 2022 के आंकड़ों में अक्तूबर 2022 के आंकड़ों से मामूली सी गिरावट बताया गया है। लेकिन फिर भी नवंबर का आंकड़ा ठीक ही बताया जा रहा है क्योंकि यह 1.4 लाख करोड़ से पार रहा। सरकार ने देश में वन नेशन, वन टैक्स का सपना देखते हुए ऐतिहासिक फैसले के तहत आर्थिक सुधार और विभिन्न टैक्सों के जंजाल से उद्योगों, व्यापारियों और कारोबारियों को मुक्ति दिलाने के लिए जीएसटी व्यवस्था को आरंभ किया है। जीएसटी लागू होने के बाद देश की आर्थिक व्यवस्था पर कितना और कैसा प्रभाव पड़ा, इस पर सबके अपने-अपने विचार हो सकते हैं, लेकिन अब मोदी सरकार को इस पर भी गौर करना चाहिए कि क्या पैट्रोल, डीजल और बिजली के बिल भी जीएसटी के अंतर्गत नहीं आने चाहिए?

-राजेश कुमार चौहान, सुजानपुर टीहरा