मास्टर प्लान से होगा माता चिंतपूर्णी मंदिर का विस्तार

शक्तिपीठ में मिलेंगी आधुनिक सुविधाएं, श्रद्धालुओं के लिए बनेगा प्रदेश का पहला कवर्ड मार्ग

जतिंद्र कंवर — ऊना

उत्तर भारत के प्रमुख धार्मिक स्थल छिन्नमस्तिका धाम माता श्री चिंतपूर्णी मंदिर में श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए मास्टर प्लान के तहत योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया जा रहा है, ताकि इस धार्मिक पर्यटक गणतंव्य को विश्व पर्यटक मानचित्र पर अंकित किया जा सके। यह जानकारी मंदिर न्यास चिंतपूर्णी के अध्यक्ष एवं उपायुक्त ऊना राघव शर्मा ने बुधवार को इस सबंध में आयोजित बैठक के दौरान दी। उपायुक्त ऊना ने बताया कि नवनिर्वाचित सरकार ने सत्ता संभालते ही इस दिशा में कई महत्त्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। उन्होंने बताया कि मास्टर प्लान के तहत किए जाने वाले सभी कार्यों को एक साल के भीतर पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। चिंतपूर्णी मंदिर में पैदल आने वाले श्रद्धालुओं के लिए प्रदेश का पहला कवर्ड रास्ता बनाया जाएगा। श्रद्धालुओं के लिए सडक़ किनारे बनाया जाने यह रास्ता पूरी तरह से कवर्ड होगा, जिससे बारिश में भी असानी से यात्रा कर सकेंगे।

राघव शर्मा ने बताया कि चिंतपूर्णी में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए माधो का टीला नामक स्थान पर 1.84 करोड़ रुपए की लागत से एक सामुदायिक भवन, बैठने के लिए खुला मैदान तथा शौचालयों का निर्माण किया जा रहा है। यही नहीं, चिंतपूर्णी के पुराना बस अड्डे पर 1.38 करोड़ रुपए की लागत से एक प्रतीक्षालय, एक बड़ा हाल, शौचालय ब्लॉक तथा जूता घर के अलावा पीने के पानी की भी बेहतर व्यवस्था की जा रही है। राघव शर्मा ने बताया कि मुबारिकपुर से चिंतपूर्णी मुख्य सडक़ मार्ग के विभिन्न स्थानों पर आधुनिक तकनीक की बड़े आकार की स्मार्ट एलईडी स्क्रीनें स्थापित की जाएंगी, जिनके द्वारा आने वाले श्रद्धालुओं को महत्त्वपूर्ण सूचनाओं के साथ-साथ चिंतपूर्णी मंदिर इतिहास के विषय में भी महत्त्वपूर्ण जानकारी दी जाएगी। चिंतपूर्णी में बाबा माई सदन से चिंतपूर्णी मंदिर परिसर तक दिव्यांगजनों तथा वरिष्ठ नागरिकों की आवाजाही के लिए मंदिर न्यास द्वारा ई-वाहनों का संचालन किया जाएगा।

मंदिर परिसर में सीमावर्ती क्षेत्रों के सौंदर्यीकरण के लिए बिजली तारों को केवल में परिवर्तित किया जाएगा। शंभू बैरियर तथा माई सदन के समीप स्वागत द्वार बनाएं जाएंगे। चिंतपूर्णी स्थित बाबा माईदास सदन में 11.2 करोड़ रुपए की लागत से एक आधुनिक तकनीक युक्त संग्रहालय बनाया जाएगा और एक बड़ी क्षमता का सोलर पॉवर संयत्र स्थापित किया जाएगा। उपायुक्त ने बताया कि नेशलन इंस्टीच्यूट ऑफ फैशन टैक्नोलॉजी (निफ्ट) के सहयोग से चिंतपूर्णी मंदिर की आकृति चिन्ह डिजाइन कर श्रद्धालुओं को दिए जाएंगे। (एचडीएम)