मूलभूत सुविधाओं से वंचित बनीखेत कस्बे के लोग

एक दिन छोडक़र हो रही पेयजल आपूर्ति, कस्बे में डंपिंग साइट न होने से जगह-जगह लगे गंदगी के ढेर से चरमराई सफाई व्यवस्था

मंजीत मिन्हास-बनीखेत
चंबा-पठानकोट एनएच पर स्थित बनीखेत कस्बे में मूलभूत सुविधाओं की कमी लोगों पर भारी पडऩे लगी है। पिछले कुछ अरसे से जिला चंबा में सबसे अधिक विकसित बनीखेत कस्बे में मूलभूत सुविधाओं का विकास नहीं हो पाया है। बनीखेत कस्बे में सबसे बड़ी समस्या पेयजल की है। कस्बे में एक दिन छोडक़र पेयजल आपूर्ति होती है। इस पेयजल आपूर्ति की अवधि भी काफी कम है। कस्बे में गंदगी खपाने के लिए डंपिग साइट चिन्हित नहीं हो पाई है। पेयजल व्यवस्था का वितरण भी आबादी के अनुपात में नहीं हो पा रहा है। कस्बे में शाम पांच बजे बाद स्वास्थ्य सुविधा का कोई प्रावधान नहीं है। पार्किंग सुविधा सीमित होने के चलते एनएच पर आडे-तिरछे वाहन खड़े होने से ट्रैफिक जाम की समस्या भी लोगों के लिए सिरदर्द साबित हो रही है। बताते चलें कि बनीखेत कस्बे की आबादी दस हजार के करीब है।

बनीखेत कस्बा जिला चंबा में सबसे ज्यादा विकसित हो रहा है। बनीखेत में दो कालेज, एक सीनियर सेकेंडरी स्कूल व आर्मी क्वार्टर है। इसके साथ ही कस्बे का लगातार विस्तार हो रहा है। कस्बे में सात के करीब होटल है। मगर सुविधाओं में विकास की रफतार काफी धीमी है। बनीखेत कस्बे में सबसे बड़ी समस्या पेयजल आपूर्ति की है। आबादी के अनुपात के हिसाब से जलशक्ति विभाग की पेयजल आपूर्ति वितरण व्यवस्था बेहतर नहीं है। कस्बे में डंपिंग साइट न होने से जगह-जगह लगे गंदगी के ढेर सरकार के स्वच्छता अभियान की पोल खोलते नजर आ रहे हैं। बनीखेत में मेडिकल की सुविधा भी नाममात्र की है। दस हजार की आबादी के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनीखेत में मात्र एक डाक्टर है। बनीखेत में छुट्टी वाले दिन या शाम पांच बजे बाद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ताला लटक जाने से कोई भी चिकित्सीय सुविधा नहीं मिल पाती है। बनीखेत में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का भवन तैयार हो गया है, लेकिन सरकार यहां पर डाक्टरों की नियुक्ति करना शायद भूल गई है। बनीखेत कस्बे को अभी तक सीवरेज सुविधा से भी नहीं जोड़ा गया है। बहरहाल, बनीखेत कस्बे में जनहित से जुड़ी समस्याओं का निदान न होने से लोग परेशान हो उठे हैं। उन्होंने सरकार से जल्द उपरोक्त समस्याओं का स्थायी हल तलाशने की गुहार लगाई है। -एचडीएम