न्यायाधीशों की नियुक्ति में पारदर्शिता जरूरी

न्यायाधीशों की नियुक्ति का मुद्दा एक बार फिर सुर्खियों में है। अब केंद्रीय कानून मंत्री ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को यह पत्र लिखकर मांग की है कि जजों की नियुक्ति में सरकार का भी हस्तक्षेप हो। जजों की नियुक्ति का मुद्दा कोई नया नहीं है। इससे पहले भी इनकी नियुक्तियों के लिए विभिन्न प्रकार के सुझाव विभिन्न लोगों द्वारा दिए गए हैं।

कुछ समय पहले सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की संविधान पीठ ने देश की न्यायपालिका में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से यह कहा था कि ‘संवैधानिक लोकतंत्र में न्यायाधीश कानून से ऊपर नहीं हो सकते। पारदर्शिता से न्यायिक स्वतंत्रता का नुकसान नहीं होता।’ मुख्य न्यायाधीश के कार्यालय को भी सूचना के अधिकार कानून के अधीन लाने का रास्ता बिल्कुल साफ कर दिया। कुल मिलाकर जजों की नियुक्ति में पारदर्शिता होनी चाहिए। -राजेश कुमार चौहान, सुजानपुर टीहरा