17वें दिन भी डटे रहे ट्रक ऑपरेट्र्स; लाखों का नुकसान, बैंक लोन किस्तों की अदायगी करना मुश्किल

सीमेंट उद्योग बंद होने से लाखों का नुकसान, बैंक लोन किस्तों की अदायगी करना मुश्किल

अश्वनी पंडित—बरमाणा (बिलासपुर)

एसीसी सीमेंट प्लांट बरमाणा पर की गई तालाबंदी के बाद ट्रक ऑपरेटरों के समक्ष एक बड़ा आर्थिक संकट बना हुआ है। हर दिन करोड़ों का नुकसान हो रहा है और हर बार मसला वार्ता से आगे नहीं बढ़ पा रहा। ऐसे में जल्द मसला हल न होने के चलते ऑपरेट्र्स के समक्ष परिवार के भरण पोषण के अलावा बैंक लोन किस्तों की अदायगी की समस्या भी गहरा गई है। रविवार को 17वें दिन भी हक पाने के लिए ट्रक ऑपरेट्र्स का धरना-प्रदर्शन जारी रहा और ऑपरेट्र्स ने अडानी ग्रुप के तानाशाहीपूर्ण रवैये की कड़ी आलोचना की। इसमें बरमाणा ग्राम पंचायत के प्रधान और अन्य पंचायत प्रतिनिधियों के साथ ही बीडीसी सदर की अध्यक्ष सीता देवी व व्यापार मंडल के प्रधान मौजूद रहे। इस दौरान पंचायत प्रधान, बीडीसी अध्यक्ष व व्यापार मंडल के प्रधान ने सभी ट्रक ऑपरेट्र्स की मांगों का समर्थन करते करते हुए पूर्ण सहयोग देने की घोषणा की।

इस मौके पर बीडीटीएस के चेयरमैन लेख राम वर्मा ने सभी राजनीतिक पार्टियों का आह्वान किया कि वे हमारा साथ दें। सभा के प्रधान राकेश ठाकुर रॉकी ने कहा कि शनिवार को हमारा प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मिला और उनके समक्ष मसला रखा। साथ ही मामले में हस्तक्षेप करते हुए जल्द से जल्द समाधान करने की गुजारिश की। अब दो जनवरी को प्रदेश के मुख्य सचिव, खाद्य आपूर्ति विभाग के सचिव और उद्योग सचिव के साथ बीडीटीएस प्रबंधन की बैठक आयोजित की जाएगी। यह बैठक सुबह 11 बजे शिमला में तय की गई है। इसके बाद दोपहर को दाड़लाघाट के ट्रक ऑपरेट्र्स के साथ बैठक होगी, जिसमें सरकार द्वारा गठित कमेटी के साथ रेट निर्धारण पर चर्चा की जाएगी। इस अवसर पर सभा के पूर्व महामंत्री शमशेर चंद गौतम व सभा के पूर्व चेयरमैन नंद लाल ठाकुर ने सभा के सभी सदस्यों से कहा कि सभी सदस्य लड़ाई के लिए तैयार रहें। (एचडीएम)

फैक्टरी बंद होने से संकट

बरमाणा सीमेंट फैक्टरी पर ताला लटकने के बाद जिला की पूरी इकोनोमी पर गहरा असर पड़ा है। चार हजार ट्रक ऑपरेटर हक के लिए संघर्षरत हैं। हर दिन प्रदर्शन कर रहे हैं और सरकार से फैक्टरी शुरू करवाने की मांग कर रहे हैं। बरमाणा से गरामोड़ा तक ट्रक रिपेयर से लेकर मेकेनिक सहित अन्य कारोबार से जुड़े लोगों के समक्ष रोजी का संकट खड़ा हुआ है। बरमाणा सहित अन्य क्षेत्रों में तो कई ढाबे बंद भी हो चुके हैं।