जावेद मियांदाद के बिगड़े बोल, भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाफ कहे आपत्तिजनक शब्द, जनता में गुस्सा

कराची। पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर जावेद मियांदाद ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के एशिया कप के लिए पाकिस्तान न जाने के फैसले की कड़ी शब्दों में निंदा करते हुए असंसदीय भाषा का प्रयोग किया, जिसके बाद देश में गुस्से का माहौल है। मियांदाद ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि अगर भारत पाकिस्तान नहीं आना चाहता तो वह भाड़ में जाए। मैंने हमेशा पाकिस्तान का समर्थन किया है।

हमें अपने हित को भी देखना है, और उसके लिए लडऩा है। हमें फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि हम क्रिकेट की मेजबानी कर रहे हैं। यह आईसीसी का काम है। अगर आईसीसी इसे नियंत्रित नहीं कर सकता, तो ऐसे निकाय की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्हें सभी टीमों के लिए एक समान नियम लागू करने की जरूरत है। अगर टीमें इस तरह आने से बचना चाहती हैं, तो उन पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए। भारत होगा अपने लिए, हमारे लिए नहीं है। उल्लेखनीय है कि बीसीसीआई सचिव और एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) के अध्यक्ष जय शाह ने अक्टूबर 2022 में कहा था कि एशिया कप का आयोजन पाकिस्तान में नहीं हो सकता, क्योंकि भारत पड़ोसी मुल्क की यात्रा नहीं कर सकता है। शाह के इस बयान पर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के तत्कालीन अध्यक्ष रमीज़ राजा ने एतराज़ जताया था।

बोर्ड के वर्तमान अध्यक्ष नजम सेठी ने इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिये शनिवार को एसीसी की आपातकालीन बैठक भी बुलाई, हालांकि इसका कोई हल नहीं निकल सका। मियांदाद ने कहा कि भारत हार के डर से पाकिस्तान नहीं आना चाहता। पाकिस्तान के पूर्व कप्तान ने कहा कि आओ और खेलो। वे ऐसा क्यों नहीं करते? वे भागते हैं। अगर वह यहां आकर हमसे हारेंगे, तो उनकी मुश्किलें बढ़ जाएंगी। यह बात वहां की जनता को पचेगी नहीं। यह हमेशा से होता रहा है। हमारे समय में भी वह इसी वजह से नहीं खेलते थे। वहां दंगे और लड़ाई-झगड़ा होता है। आपने देखा होगा जब भी भारत किसी से हारता है तो वहां की जनता घरों को जलाती है। उन्होंने कहा कि जनता को समझना होगा कि क्रिकेट सिर्फ एक खेल है। अगर आप अच्छा नहीं खेलेंगे तो हारेंगे। अगर मैं अच्छा खेलूंगा तो जीतूंगा। आप दूसरी चीजों पर जाते हैं। इससे किसी को क्या फायदा? मैं आईसीसी से कहता हूं, अगर कोई इस तरह के रास्ते अपनाता है तो आईसीसी को सख्त रवैया अपनाने की जरूरत है। आप भारत हैं तो क्या? अगर कोई देश इस तरह का बर्ताव करता है तो आईसीसी को सख्त कदम उठाने की जरूरत है।